सुलतानपुर2 मिनट पहले
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सुल्तानपुर में निषाद पार्टी के विधायक राज प्रसाद उपाध्याय उर्फ राजबाबू और सड़क निर्माण कंपनी की डायरेक्टर शशि सिंह आमने-सामने हैं। शशि सिंह ने विधायक पर 25 लाख की रंगदारी मांगने और साइट पर तोड़फोड़–मारपीट का आरोप लगाया है। वहीं विधायक का कहना है कि वे सिर्फ सड़क की गुणवत्ता जांचने मौके पर पहुंचे थे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शशि सिंह का वीडियो एक्स पर शेयर कर सरकार को घेरा। मामला गर्माने पर ‘दैनिक भास्कर’ ने ग्राउंड जीरो पर पड़ताल की।

विवाद की जड़: पूजा में न बुलाना
जांच में दो बातें साफ सामने आईं। पहला कि कंपनी ने काम शुरू करने से पहले पूजन-अर्चन में विधायक को आमंत्रित नहीं किया। दूसरा पीडब्ल्यूडी से निर्माण होने के कारण ठेकेदारी की ‘मलाई’ विभाग खा रहा, जबकि जनप्रतिनिधि वंचित रहे। इसी नाराज़गी के चलते विधायक गुट ने 9 दिन पहले काम रुकवा दिया।
बोलने से कतरा रहे ग्रामीण
ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान चौधरी का पुरवा गांव में शुरुआत में लोगों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। कई लोगों ने साफ कहा, “सत्ता पक्ष का मामला है, बोलने पर दिक्कत होगी।”
फिर भी कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- विधायक पहले दिन आए तो कोई विवाद नहीं हुआ। अगले दिन उनके समर्थक 10–12 गाड़ियों में पहुंचे और काम बंद करा दिया। मजदूरों को डराया-धमकाया, लेकिन मारपीट की बात लोग स्वीकार नहीं कर रहे।
ग्रामीण बोले: सड़क रुकी तो हादसे का खतरा
स्थानीय निवासी मोहम्मद मुकीम ने कहा- “हम चाहते हैं दोनों पक्ष सुलह कर लें। रोड नहीं बनने से जाम लग रहा है, एक्सीडेंट का खतरा बढ़ा है। सीएम योगी से गुहार है कि जल्द समाधान हो।”
मेडिकल स्टोर संचालक मोहम्मद कासिम ने कहा- “हमने सुना कुछ लोग पैसे मांगने की बात कह रहे, कुछ लोग काम की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे। लेकिन जनता सिर्फ रोड चाहती है।”

कंपनी डायरेक्टर का आरोप
सिद्धार्थ इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर शशि सिंह ने बताया- बरौंसा से 84 आश्रम तक सड़क चौड़ीकरण का काम 5.80 करोड़ का अनुबंध है। 15 अगस्त को काम शुरू हुआ, 16 अगस्त को विधायक अपने समर्थकों संग पहुंचे।
“उन्होंने गाली-गलौज की, जान से मारने की धमकी दी, साइट पर तोड़फोड़ हुई। मैनेजर का मोबाइल छीन लिया गया, 1.5 लाख कैश भी उठा ले गए।” उन्होंने सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई और कहा कि घटना का वीडियो उनके पास है।
विधायक ने कहा- मैंने सिर्फ जवाब मांगा, रंगदारी का आरोप निराधार
राज प्रसाद उपाध्याय का कहना है- जनता और मंडल अध्यक्ष की शिकायत पर मैं सड़क देखने गया। एक्सईएन और जेई से पूछा तो उन्हें भी जानकारी नहीं थी। यह काम बिना गुणवत्ता और जानकारी के शुरू हो रहा था। मैंने सिर्फ जवाब मांगा, किसी से रंगदारी की बात निराधार है।
अधिकारी बोले- गुणवत्ता पर सवाल ही नहीं उठता
एक्सईएन अरुण कुमार ने कहा- “सड़क की लंबाई 7.6 किमी है। अभी मिट्टी खुदाई और गिट्टी डालने का काम शुरू हुआ था। गुणवत्ता का सवाल ही नहीं उठता, काम जीरो लेवल पर है।”
जमीनी हकीकत: 200 परिवारों की सड़क डेढ़ साल से टूटी
विधायक खुद को “जनता का चौकीदार” बताते हैं, मगर उसी गांव से 500 मीटर दूर निषाद बस्ती की सड़क डेढ़ साल से टूटी पड़ी है। 6–7 जगह 15–20 फीट के गड्ढे बने हैं। 200 परिवार आने-जाने में रोजाना परेशान हैं। शिकायत के बावजूद न प्रशासन ने सुध ली, न विधायक ने।

