Monday, July 7, 2025
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न राफेल, न एफ-35 और न ही एस-500… भारत ने इस हथियार के लिए खोला खजाना, 1,00,000 करोड़ की डील


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No to Rafale, F-35 and S-500: भारत ने एक बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी है. ये एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का रक्षा सौदा है. लेकिन, इस पैसे से न तो राफेल, न ही एफ-35 और न ही एस-500 खरीदे जाएंगे .बल्कि इससे कुछ देस…और पढ़ें

भारत ने एक लाख करोड़ रुपये के हथियार खरीद को मंजूरी दी है. लेकिन, इमसें राफेल, एफ30 और एस 500 नहीं हैं.

No to Rafale, F-35 and S-500: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय रक्षा उत्पादनों की चर्चा पूरी दुनिया में है. खासकर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और भारतीय डिफेंस सिस्टम आकाश ने अपनी जो काबिलियत दिखाई है उससे दुनिया हैरान है. इसके बाद से भारत की ओर से और बड़े डील की संभावना जताई जा रही थी. कहा जा रहा था कि भारत को अब पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की खरीद करना चाहिए. लेकिन, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह फिलहाल किसी अन्य देश से फाइटर जेट खरीदने की बजाय खुद का अपना 5th जेन फाइटर जेट बनाना है.

इसी क्रम में भारत सरकार ने एक और बड़ा लिया है. इसके लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है. सरकार ने तीन बड़े और सात अन्य खरीद को मंजूरी दी है. इसमें स्पाई एयरक्राफ्ट, एडवांस माइन्स स्वीपर और त्वरित एक्शन लेने वाले डिफेंस सिस्टम की खरीद को मंजूरी दी. सबसे बड़ी बात यह है कि ये हथियार देश में ही विकसित किए गए हैं. इसमें 12 माइन काउंटरमेजर्स वेसल्स हैं. इसकी कीमत करीब 44 हजार करोड़ है. ये स्पेशलाइज्ड वारशिप हैं. ये 100 से 1000 टन डिस्प्लेस्मेंट क्षमता है. ये समंदर में पानी के भीतर बिछाई गई माइन्स को तबाह करने के लिए है. जंग के दौरान दुश्मन सेना आमतौर पर समंदर के भीतर माइन्स बिछा देती है जिससे कि बंदरगाहों और जहाजों को बाधित कर दिया जाए. भारत के भौगोलिक स्थिति और चीन-पाकिस्तान के बीच गहराते सैन्य रिश्ते को देखते हुए इस माइन्स स्वीपर की जरूतर महसूस की जा रही थी. मौजूदा वक्त में नौसेना क्लिप ऑन माइन काउंटरमेजर्स सूट्स का इस्तेमाल करती है. ये सूट्स कुछ जहाजों में लगाए रहते हैं. लेकिन अब एडवांस माइन्स स्वीपर हमारे युद्ध पोतों और पनडुब्बियों के आगे-आगे चलेंगे और उनको सुरक्षित मार्ग उपलब्ध करवाएंगे.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स…और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स… और पढ़ें

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