उन्होंने पाकिस्तान से सवाल किया कि टीआरएफ जैसे संगठन का जन्म उसके देश में कैसे हुआ, जबकि वह आतंकवाद से संबंध न होने का दावा करता है. पाकिस्तान हमेशा दावा करता है कि उसका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं, अब उसे जवाब देना चाहिए कि टीआरएफ जैसे संगठन का जन्म पाकिस्तान में कैसे हुआ. केवल ब्लैकलिस्ट करने से बात नहीं बनेगी, अमेरिका को भी पाकिस्तान से सवाल पूछने चाहिए और इस संगठन के प्रायोजकों, संस्थापकों व संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
संजय निरुपम ने कहा, “चुनाव आयोग संविधान का हिस्सा है और उसकी स्वायत्तता संविधान में स्पष्ट है. फिर भी राहुल गांधी और कांग्रेस जिस तरह आयोग पर सवाल उठाते हैं, उससे लगता है कि वे संवैधानिक व्यवस्था को नहीं मानते. वे खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. लोकतंत्र में चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होते हैं और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.”
महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में विधायकों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट और गाली-गलौज की घटना को निरुपम ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा के खिलाफ है और इसे इतिहास में काले दिन के रूप में याद किया जाएगा.
संजय निरुपम ने इस घटना के लिए एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड द्वारा भाजपा विधायक पर लगाए गए आरोपों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “जनप्रतिनिधियों को अपने आचरण का ध्यान रखना चाहिए. जनता उनसे आदर्श व्यवहार की अपेक्षा करती है. मैं सभी नेताओं से संयम बरतने और आरोप-प्रत्यारोप से पहले सोच-समझकर बोलने की अपील करता हूं.