राकेश के बचपन के बारे में बात करें तो वह दिल्ली की गलियों में गुजरा. उनके पिता नई दिल्ली के एक होटल में कर्मचारी थे, परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी. दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही राकेश में क्रिएटिविटी का बीज अंकुरित हुआ. स्कूल के दिनों में वह ड्रामा और कल्चरल इवेंट्स में हिस्सा लेते थे. लेकिन, उनका पहला प्यार था स्पोर्ट्स. उन्हें स्विमिंग बेहद पसंद थी. 1982 में जब भारत एशियन गेम्स की मेजबानी कर रहा था, तब 19 साल के राकेश ने स्विमिंग में हिस्सा लिया. मेडल जीतने का सपना आंखों में लिए वह फाइनल राउंड तक पहुंचे, लेकिन चयनित नहीं हो सके. इसने उन्हें झकझोर कर रख दिया.
‘रंग दे बसंती’ के सेट पर राकेश ओम प्रकाश मेहरा और आमिर खान.
साल 2006 में रिलीज हुई ‘रंग दे बसंती’ ने राकेश ओमप्रकाश मेहरा को रातोंरात स्टार डायरेक्टर बना दिया. आमिर खान, सिद्धार्थ, शरमन जोशी, कुणाल कपूर, आर माधवन, सोहा अली खान जैसे सितारों से सजी यह फिल्म न केवल एक मनोरंजन से भरपूर कहानी थी, बल्कि देशभक्ति और सामाजिक बदलाव का एक मजबूत मैसेज भी देती है. उन्होंने यंग जनरेशन के बीच खासतौर पर छाप छोड़ी. फिल्म ने कई पुरस्कार जीते और राकेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.

मिल्खा सिंह के साथ फरहान अख्तर और राकेश ओम प्रकाश मेहरा.
‘रंग दे बसंती’ के बाद साल 2013 में मेहरा की स्पोर्ट्स बायोपिक ‘भाग मिल्खा भाग’ आई, जो यादगार फिल्मों में से एक है. यह फिल्म भारतीय धावक मिल्खा सिंह की बायोपिक है, जिसमें फरहान अख्तर लीड रोल में हैं. राकेश ने इस फिल्म में मिल्खा सिंह के संघर्ष, हार-जीत को संवेदनशीलता और रोमांचक तरीके से पेश किया कि दर्शक इमोशनल हो उठे. फिल्म में खेल के प्रति राकेश का व्यक्तिगत लगाव भी झलकता है, इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते.
राकेश ओमप्रकाश मेहरा की पत्नी क्या करती हैं
राकेश ओमप्रकाश मेहरा 62 साल के हुए
आज राकेश ओमप्रकाश मेहरा भारतीय सिनेमा के उन चुनिंदा निर्देशकों में से एक हैं, जो अपनी हर फिल्म में कुछ नया और अर्थपूर्ण विषय लेकर आते हैं. उनकी प्रोडक्शन कंपनी, रोमप पिक्चर्स, नए टैलेंट को मौका देने के लिए जानी जाती है. 62 साल की उम्र में भी राकेश की क्रिएटिविटी कम नहीं हुई है. वह लगातार नई कहानियों पर काम कर रहे हैं.