तत्कालीन टीआई ने बताया कि दो इंच और आगे लगता तो तीर गले में लगता।
बुरहानपुर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय ने बुधवार को पुलिस टीम पर हमले के मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने एक ही परिवार के 5 लोगों को दोषी मानते हुए 4-4 साल की सजा सुनाई है। मामला 12 सितंबर 2021 का है। नेपानगर पुलिस एक फरार आरोपी को पकड़ने चिड़िया
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दोषियों में गीना, उसकी पत्नी सुबली बाई, बेटा नूरिया उर्फ आकाश, बेटी सुंदरी बाई और दामाद जड़िया उर्फ जडु शामिल हैं।
सहायक निदेशक अभियोजन कैलाशनाथ गौतम और सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सुनील कुरील ने बताया कि कोर्ट ने इन्हें IPC की धारा 148, 353 और 333-149 के तहत सजा सुनाई है:
- धारा 148: एक-एक साल की सजा, 500-500 रुपए जुर्माना
- धारा 353: दो-दो साल की सजा, 500-500 रुपए जुर्माना
- धारा 333-149: दो बार 4-4 साल की सजा, 2-2 हजार रुपए जुर्माना
जंगल में किया गया था हमला टीम में शामिल तत्कालीन थाना प्रभारी एपी सिंह फोर्स के साथ जंगल में बने टपरों तक पहुंचे थे। आरोपी गीना को पकड़ने की कोशिश की तो उसने चिल्लाकर कहा- पुलिस वाले आ गए हैं इन्हें मारो। इसके बाद आरोपी के परिवार और अन्य लोगों ने तीर, पत्थर और कमान से हमला कर दिया। गीना ने टीआई पर तीर चलाया जो उनके दाहिने कंधे में लगा। पत्थरों से उनकी कमर और पैर में चोट आई।
आत्मरक्षा में पुलिस ने हवाई फायर किए आरक्षक अजय उपाध्याय, रफीक खां और अरविंद तोमर को भी चोटें आईं। आत्मरक्षा में पुलिस ने हवाई फायर किए, तब आरोपी भाग निकले। टीम ने वायरलेस से कंट्रोल रूम को सूचना दी और नेपानगर से अतिरिक्त फोर्स मौके पर पहुंचा।
आरोपियों का आपसी संबंध
कोर्ट में ट्रायल के दौरान पता चला कि सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं।
- गीना (मुख्य आरोपी)
- सुबली बाई (पत्नी)
- नूरिया उर्फ आकाश (बेटा)
- सुंदरी बाई (बेटी)
- जड़िया उर्फ जडु (दामाद)
तत्कालीन टीआई एपी सिंह।
दो इंच और आगे लगता तो तीर गले में लगता तत्कालीन टीआई एपी सिंह ने बताया- 2021 में जब हम फरार आरोपियों को पकड़ने गए थे, तब करीब 50 से ज्यादा लोगों ने तीर चलाने शुरू कर दिए थे। तीर मेरे दाहिने कंधे में लगा था। अगर दो इंच और आगे लगता तो सीधे गले में लगता। बाल-बाल बचा था। पैर की हड्डी भी टूट गई थी, लेकिन हमने आरोपियों को नहीं छोड़ा। मेरे पास कोई हथियार नहीं था।
ट्रायल के दौरान रिश्तेदारी का चला पता सहायक निदेशक अभियोजन कैलाशनाथ गौतम ने बताया- “पहले यह जानकारी नहीं थी कि आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं। ट्रायल के दौरान यह बात सामने आई कि सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं।”
