फर्रुखाबादकुछ ही क्षण पहले
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फर्रुखाबाद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 351 प्राथमिक सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा नेता और समाजसेवी विकास राजपूत ने इस फैसले के विरोध में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है।
विकास राजपूत ने इस फैसले को गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय बताया है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है। उनका कहना है कि सरकारी स्कूल गांव के बच्चों के सपनों की शुरुआत होते हैं। इन्हें बंद करना उनके भविष्य को अंधकार में धकेलना है।
भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि वे पार्टी के अनुशासन में रहते हुए भी बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहेंगे। उनकी मंशा सरकार से टकराव की नहीं, बल्कि संवाद और समाधान की है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि स्कूलों को बंद करने के बजाय उन्हें बेहतर बनाया जाए। साथ ही स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाई जाएं।

राजपूत ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही निर्णय वापस नहीं लिया, तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं। वे पहले विनम्र अपील और संवाद का मार्ग अपनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार जनभावनाओं को समझे। यह बच्चों का मामला है जो राजनीति से ऊपर है। अब देखना यह है कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है। साथ ही क्या शिक्षा के अधिकार को बचाने की इस लड़ाई में आमजन भी जुड़ेंगे।