Monday, July 7, 2025
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बंगाल की खाड़ी से आई आफत, 60 गांवों में मचाई तबाही, हर तरफ बर्बादी का मंजर


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Flood News: बंगाल की खाड़ी में साइक्‍लोनिक सर्कुलेशन की वजह से लो प्रेशर का एरिया बना हुआ है. इस वजह से तटवर्ती इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने 7 जुलाई 2025 तक हालात खराब रहने की बात क…और पढ़ें

ओडिशा में मूसलाधार बारिश की वजह से हालात खराब हैं. बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में है. (फोटो: पीटीआई/फाइल)

भुवनेश्‍वर. बंगाल की खाड़ी में लगातार नया सिस्‍टम डेवलप हो रहा है. इसके चलते दक्षिण-पश्चिम मानसून को और मजबूती मिली है. फिलहाल इस क्षेत्र में एक और साइक्‍लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है. इस वजह से लो प्रेशर यानी कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिससे मूसलाधार बारिश हो रही है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने तटवर्ती इलाकों में 7 जुलाई 2025 तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की भविष्‍यवाणी की है. तेज बारिश होने की वजह से ओडिशा के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. पहले 100 गांव बाढ़ की चपेट में थे और अब 60 गांवों में जल प्रलय की स्थिति है. दो लोगों की मौत भी हो गई है.

ओडिशा के बालासोर जिले में आई बाढ़ से हालात गंभीर बने हुए हैं. बुधवार को जिले में दो लोगों की मौत हो गई, हालांकि राहत की बात यह है कि प्रभावित गांवों की संख्या घटकर 60 रह गई है. सुवर्णरेखा समेत कई नदियों के जलस्तर में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है. अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश और झारखंड से छोड़े गए पानी ने स्थिति को और विकट बना दिया है. फायर और इमरजेंसी सेवा कर्मियों ने भोगराई ब्लॉक के कुसुड़ा गांव के 90 वर्षीय दिबाकर गिरी का शव बरामद किया. वहीं, ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ODRAF) की टीम ने बिश्नुपुर गांव के राकेश सिंह का शव बाढ़ के पानी से निकाला. राकेश सिंह मंगलवार को बाढ़ की तेज धारा में बह गए थे.

60 गांवों में बाढ़

जिले के उत्तरी हिस्सों में स्थित लगभग 60 गांवों के लोग अब भी जलभराव से जूझ रहे हैं. इन क्षेत्रों में सड़कें और खेत पानी में डूबे हुए हैं. लगातार बारिश और झारखंड की ओर से बांधों से छोड़े गए पानी ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. मंगलवार को जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 100 थी, जो बुधवार को घटकर 60 रह गई. जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, बुधवार शाम 4 बजे सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर राजघाट पर 9.80 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 10.36 मीटर है. इसी तरह, बुधाबलांग और जलका नदियों का जलस्तर भी कम हो रहा है.

इन इलाकों में बड़ी आफत

भोगराई, बालीपाल, जलेश्वर और बस्ता जैसे कई ब्लॉक बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से फसलों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. कई सड़कें, पुल और कलवर्ट पानी में बह गए हैं. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए ओडिशा फायर सर्विस, ODRAF और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें तैनात की हैं. जाजपुर जिले से मिली जानकारी के अनुसार, बैतरणी और ब्राह्मणी नदियों का जलस्तर भी घट रहा है, लेकिन प्रशासन अब भी सतर्कता बनाए हुए है. मयूरभंज जिले में राहत शिविरों में शरण लिए लोग अब धीरे-धीरे अपने घर लौटने लगे हैं. हालांकि, कोरापुट जिले में भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है.

7 जुलाई तक राहत नहीं

ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि बालासोर और मयूरभंज के कलेक्टरों को फसलों, मकानों और अन्य नुकसानों का आकलन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रभावितों को राहत कोड के तहत सहायता प्रदान की जाएगी. इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि राज्य में 7 जुलाई तक दक्षिण झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में बने चक्रवाती सर्कुलेशन के प्रभाव से भारी से बहुत भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें

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