Thursday, July 17, 2025
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बदहाली: राजकीय मध्य विद्यालय छतौनी में बारिश के कारण पढ़ाई प्रभावित – Samastipur News


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प्रखंड अंतर्गत दहियार रन्ना पंचायत के राजकीय मध्य विद्यालय छतौनी की स्थिति बेहद जर्जर हो चुकी है। वर्ष 1954 में स्थापित यह विद्यालय आज भी जर्जर भवन और झोपड़ी में संचालित हो रहा है। विद्यालय में वर्ग 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है, जिसमें कुल 301 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। लेकिन बारिश के समय भवन की बदहाल स्थिति के कारण पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। बुधवार को विद्यालय के एक छोटे से कमरे में वर्ग 1 से 5 तक के बच्चों का पठन-पाठन चल रहा था, जबकि दूसरे कमरे में वर्ग 7 और 8 के छात्र-छात्राएं एक साथ बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। वहीं वर्ग 6 के बच्चों को बरामदे में बैठाकर पढ़ाया जा रहा था। बरसात में बच्चों की उपस्थिति पर भी असर पड़ा है। वर्ग 1 से 5 तक 96 में से मात्र 22, वर्ग 6 में 69 में से 22 और वर्ग 7 एवं 8 में 134 में से केवल 29 छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए। विद्यालय में कुल 9 शिक्षक-शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं, जिनमें प्रभारी प्रधानाध्यापक दिलीप ठाकुर, शिक्षक बबलू कुमार, चंदन कुमार एवं शिक्षिकाएं पूनम, सुधा कुमारी, उषा कुमारी पांडे, मीरा कुमारी, पूनम कुमारी एवं भावना शामिल हैं। सभी शिक्षक शिक्षिका पठन-पाठन नियमित रूप से कराने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भवन की जर्जरता परेशानी का मुख्य कारण बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय 70 साल पुराना है, लेकिन अब तक सरकार ने इसे ठीक करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वर्ष 2006 और 2010 में भवन निर्माण के लिए राशि आई थी, लेकिन निर्माण नहीं हुआ और राशि वापस चली गई। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द भवन निर्माण कराने की मांग की है, ताकि बच्चों को सुरक्षित और बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके। प्रभारी प्रधानाध्यापक दिलीप ठाकुर ने बताया कि विद्यालय भवन पूरी तरह से जर्जर है। विभाग को कई बार सूचना दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बारिश के मौसम में बच्चों को बैठाने की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ती है, जिससे उन्हें चोट भी लग जाती है। शिक्षक चंदन कुमार ने बताया कि एक कमरे में वर्ग 1 से 5, दूसरे में वर्ग 7 और 8 तथा बरामदे में वर्ग 6 का संचालन किया जाता है, जिससे सभी को कठिनाई होती है। शिक्षिका सुधा कुमारी ने कहा कि भवन इतना कमजोर है कि कब गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। जॉइंट क्लास लेना पड़ता है, लेकिन शिक्षक नियमित रूप से समय से पढ़ा रहे हैं। उन्होंने सरकार व विभाग से भवन निर्माण की मांग की। छात्रा रितिका कुमारी ने बताया कि झोपड़ी का क्लास टूट गया है, बारिश में पानी टपकता है और हमें बरामदे में बैठाया जाता है, जिससे हम भीग जाते हैं। छात्रा आयुषी कुमारी ने कहा कि वर्ग 7 और 8 की एक साथ पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती, तीन कमरों में आठ वर्गों की पढ़ाई कराना मुश्किल है। छात्रा मोनी कुमारी ने बताया कि बारिश के कारण झोपड़ी से पानी चूता है और आज हमें बरामदे में बैठाया गया है। छात्र विवेक कुमार ने बताया कि झोपड़ी के क्लास में बैठते समय दो-तीन छात्र घायल भी हो गए थे। तेज हवा और बारिश के कारण आज भी बरामदे में बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि एक बेंच डैक्स पर 4 से 5 छात्र-छात्रा को बैठाया जाता है ,पठन-पाठन को लेकर जिससे परेशानी काफी होता है।



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