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ICIMOD ने चेतावनी दी है कि इस साल मानसून में HKH क्षेत्र में बाढ़, भूस्खलन और GLOF का खतरा बढ़ गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, औसत से ज्यादा बारिश और तापमान में वृद्धि हो सकती है. हिमालयी क्षेत्र में इस दौरान काफ…और पढ़ें
बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. (File Photo)
हाइलाइट्स
- ICIMOD ने HKH क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दी.
- इस साल मानसून में औसत से ज्यादा बारिश और तापमान वृद्धि की संभावना.
- ग्लेशियर पिघलने से बाढ़ और जल संकट का खतरा बढ़ सकता है.
नई दिल्ली. इस साल मानसून के दौरान हिंदू कुश हिमालय यानी HKH क्षेत्र में अचानक बाढ़, भूस्खलन और हिमनद झील के फटने से बाढ़ (GLOF) आने का खतरा काफी बढ़ गया है. यह चेतावनी एक अंतर-सरकारी संगठन अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (ICIMOD) की तरफ से जारी की गई है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार मानसून में औसत से ज्यादा बारिश हो सकती है और तापमान भी सामान्य से 2 डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहने की संभावना है.
ग्लेशियर पिघलने से बाढ़ का खतरा
ग्लेशियर के पिघलने से न सिर्फ बाढ़ आती है, बल्कि इससे भविष्य में पानी की कमी भी हो सकती है. जब बर्फ पिघलकर पानी बनती है, तो वह एक सीमित समय तक ही जल स्रोत बनती है. लेकिन अगर गर्मी के कारण बर्फ बनना धीमा हो जाए, तो लंबे समय में निचले इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है.
इस साल गर्म मानसून आएगा
पहाड़ी क्षेत्र के लोगों के लिए खतरे की घंटी
विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ अधिक बारिश ही खतरा नहीं है, बल्कि जो इलाके पहले से सूखे और जल संकट से जूझ रहे हैं, जैसे अफगानिस्तान, वहां कम बारिश भी बड़ी समस्या बन सकती है. इससे वहां के लोगों को खाने और पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है. ICIMOD के आपदा जोखिम विशेषज्ञ शाश्वत सान्याल ने कहा कि अब जरूरत है कि हम समय रहते चेतावनी प्रणाली को और मजबूत करें. सरकारों को मिलकर काम करना होगा ताकि आपदा आने से पहले ही लोगों को सुरक्षित किया जा सके. मानसून अब केवल राहत की खबर नहीं, बल्कि एक नई चुनौती बनता जा रहा है. पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह खतरे की घंटी है. जलवायु परिवर्तन का असर अब साफ दिख रहा है और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें