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Ballia News: बलिया के संजय कुमार गुप्ता 35 सालों से चने की दाल से देसी नमकीन बना रहे हैं, जो स्वाद, सेहत और लंबे समय तक टिकने की खासियत के लिए मशहूर है.
हाइलाइट्स
- 35 साल पुरानी रेसिपी से चने की दाल वाली नमकीन बनती है.
- 200 रुपए प्रति किलो की दर पर स्वादिष्ट देसी नमकीन मिलती है.
- यह महीनों तक खराब नहीं होती है.
बलिया के संजय कुमार गुप्ता पिछले 35 सालों से इसी देसी तकनीक से नमकीन बना रहे हैं. उनकी दुकान बलिया रेलवे स्टेशन से महज डेढ़ किलोमीटर दूर मालगोदाम चौराहे के पास NH-31 पर स्थित है. दुकान का नाम संजय की देसी मिठाई और नमकीन की दुकान है. यहां का बना चने की दाल वाला नमकीन सिर्फ बलिया में ही नहीं, बल्कि दिल्ली, मुंबई, गुजरात, असम से लेकर विदेशों तक में भी भेजा जाता है.
इस नमकीन को बनाने के लिए सबसे पहले चने की दाल को रात भर पानी में भिगोया जाता है. सुबह इसे अच्छे से धोकर सुखाया जाता है और फिर तेल में कुरकुरा तला जाता है. इसके बाद जरूरत के हिसाब से मूंगफली को भी तला जाता है. फिर इसमें जीरा, काली मिर्च, सादा नमक, काला नमक और मिर्च पाउडर मिलाया जाता है. यही देसी तड़का इसे खास बनाता है.
संजय बताते हैं कि उनके ग्राहकों का कहना है कि अगर इस नमकीन के साथ चाय मिल जाए, तो मजा दुगना हो जाता है. यही वजह है कि यह नमकीन हर उम्र के लोगों की पसंद बन चुका है. 200 रुपए प्रति किलो की कीमत पर यह स्वादिष्ट नमकीन न सिर्फ जायका देती है, बल्कि जेब पर भी भारी नहीं पड़ती.
इस नमकीन की सबसे बड़ी खासियत है इसकी लंबी शेल्फ लाइफ. आप एक बार इसे बना लें या खरीद लें, महीनों तक इसमें स्वाद या कुरकुरापन कम नहीं होता. न कोई प्रिजर्वेटिव और न ही किसी फ्रिज की जरूरत है.
देसी स्वाद की है गारंटी
बलिया के संजय की यह देसी तकनीक अब एक मिसाल बन चुकी है. जब हर तरफ ब्रांडेड आइटम्स की भरमार है, वहां ये देसी नमकीन स्वाद, सेहत और सादगी का अनोखा मेल है. अगर आप भी कभी बलिया आएं, तो NH-31 पर इस दुकान पर जरूर रुकें और देसी स्वाद का मजा लें.