जैसलमेर। बस हादसे की जांच को लेकर जैसलमेर पहुंचे परिवहन विभाग के जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओ.पी. बुनकर।
जैसलमेर में हुई बस आगजनी की घटना के बाद परिवहन विभाग पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। इस मामले की गहराई से जांच के लिए जयपुर से विभाग की विशेष टीम जैसलमेर पहुंची। टीम का नेतृत्व जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओ.पी. बुनकर कर रहे हैं। उन्होंने मौके पर पहुंच
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इसके साथ ही जैसलमेर में 5 निजी AC बसों को भी सीज किया है जो नियमों का पालन नहीं कर रही थी। बुनकर ने बताया- घटना की तकनीकी जांच के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT), पुणे की टीम भी जल्द जैसलमेर पहुंचेगी। यह एजेंसी घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के वास्तविक कारणों की पड़ताल करेगी और आगे ऐसी घटनाएं रोकने के सुझाव भी देगी।
परिवहन विभाग जयपुर के जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओ.पी. बुनकर।
3200 AC बसों में से 162 जब्त, 1400 की जांच पूरी
बुनकर ने बताया कि राज्य में संचालित स्लीपर बसों की जांच लगातार की जा रही है। अब तक 1400 बसों का निरीक्षण किया जा चुका है, जिनमें से 162 बसों को नियमों के उल्लंघन पर जब्त किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जैसलमेर जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए बस निर्माण करने वाली कंपनियों की भी जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग ने एक विशेष मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है, जो उन वर्कशॉप्स और फैक्ट्रियों का निरीक्षण करेगी जहां बसों की बॉडी बनाई जाती है।
केके ट्रैवल्स के यार्ड में 66 बसों की जांच, 10 संदिग्ध
हादसे में जिस केके ट्रैवल्स की बस में आग लगी थी, उस कंपनी के यार्ड का निरीक्षण परिवहन विभाग की टीम ने किया। वहां कुल 66 बसें खड़ी मिलीं, जिनमें से 35 बसों की जांच अब तक पूरी की जा चुकी है। इनमें से 10 बसों में बॉडी निर्माण से जुड़ी गंभीर खामियां पाई गई हैं, जिन्हें “वॉल्यूशन” के तहत बनाया गया बताया जा रहा है और वे जांच के घेरे में हैं।
पांच AC बसें जैसलमेर में सीज
जॉइंट कमिश्नर बुनकर ने बताया कि पूरे राजस्थान में करीब 3200 एयरकंडीशनर बसें पंजीकृत (registered) हैं। इनमें से कई बसें तय नियमों का पालन नहीं कर रहीं। जैसलमेर में ऐसी पांच बसों को जब्त (सीज) किया गया है जो नियमों का उल्लंघन करते हुए चल रही थीं।

पूरे राजस्थान में करीब 3200 एयरकंडीशनर बसें पंजीकृत (registered) हैं।
पुणे की एजेंसी करेगी तकनीकी जांच
घटना की तकनीकी जांच के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT), पुणे की टीम भी जल्द जैसलमेर पहुंचेगी। यह एजेंसी घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के वास्तविक कारणों की पड़ताल करेगी और आगे ऐसी घटनाएं रोकने के सुझाव भी देगी।
दुर्घटनाग्रस्त बस में कई गंभीर खामियां
बुनकर ने बताया कि हादसे में जली बस में कई गंभीर तकनीकी खामियां पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी कमियों के चलते कई यात्रियों की जान बचाना मुश्किल हो गया। विभाग इन सभी बिंदुओं को अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
- इमरजेंसी गेट (EXIT) छोटा बनाया गया था और उस पर दो सीटें फिट कर दी गई थीं, जिससे हादसे के वक्त गेट खुल नहीं पाया।
- बस की लंबाई निर्धारित सीमा से अधिक बढ़ाई गई थी और स्लीपर सीटें जरूरत से ज्यादा लगाई गई थीं।
- बस में लगे पर्दे अत्यधिक ज्वलनशील (flammable) थे, जिससे आग तेजी से फैल गई।

जैसलमेर में 5 बसों को सीज किया।

