उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण के खिलाफ चल रही जंग अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। बिजली कर्मचारियों के 188 दिन से जारी आंदोलन को अब किसानों का खुला समर्थन मिल गया है। किसान संगठन 4 जून को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री योगी
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किसान संगठनों की हुंकार
31 मई को हुई 16 किसान संगठनों की साझा घोषणा के बाद अब तक कुल 21 किसान संगठन इस आंदोलन में कूद चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, इस सूची में किसान एकता संघ, अखिल भारतीय प्रगतिशील किसान सभा, पूर्वांचल किसान यूनियन, भारतीय किसान मजदूर यूनियन जैसे प्रभावशाली संगठन शामिल हैं।
नोएडा के आंदोलनकारी नेता सोरन प्रधान की अगुवाई में किसान एकता संघ बड़ी संख्या में जिला मुख्यालयों पर मोर्चा खोलेगा। वहीं लखनऊ के शक्ति भवन समेत कई जिलों में किसान प्रतिनिधिमंडल बिजली कर्मचारियों के धरना स्थलों पर भी पहुंचकर समर्थन देगा।
प्रदर्शन के दौरान ये प्रमुख मांगें भी उठाई जाएंगी:
संविदा बिजली कर्मचारियों को स्थायी किया जाए
बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि वापस ली जाए
सभी उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिले
किसान हितों से खिलवाड़ करने वाली नीतियों पर पुनर्विचार किया जाए