राज्य सरकार ने युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की दिशा में ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार की शुरू से ही यह सोच रही है कि अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिल सके।
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मुख्यमंत्री के मुताबिक, साल 2005 से 2020 के बीच राज्य के 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। वहीं, 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर अगस्त 2025 तक 12 लाख सरकारी नौकरी और 38 लाख रोजगार कर दिया गया। कुल 50 लाख नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था।
10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 39 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। 50 लाख का लक्ष्य निश्चित रूप से पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि अगले पांच सालों (2025-2030) के लिए यह लक्ष्य दोगुना कर एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का तय किया गया है। इसके लिए निजी और औद्योगिक क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे। इस उद्देश्य के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन होगा।
सीएम नीतीश ने X पर पोस्ट कर जानकारी दी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सात निश्चय के तहत कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आने वाले समय में इस कार्यक्रम को विस्तारित किया जाएगा। इसके साथ ही बिहार में एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिसका नाम भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे युवाओं को कौशल विकास की नई दिशा मिलेगी।