मानव तस्करी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से बिहार पुलिस ऑपरेशन ‘नया सवेरा’ की शुरुआत करने जा रही है। इस ऑपरेशन के तहत मानव व्यापार, बाल श्रम, रेड लाइट एरिया और ऑर्केस्ट्रा ग्रुप से पीड़ित लड़कियों, महिलाओं और बच्चों का रेस्क्यू किया जाएगा।
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बुधवार को पटना में इसकी घोषणा डीजीपी विनय कुमार ने की। ऑपरेशन ‘नया सवेरा’ की शुरुआत 31 जुलाई से होगी और 14 अगस्त तक चलेगी। डीजीपी ने घोषणा की है कि इस ऑपरेशन में बेहतर काम करने वाले दो जिलों की पुलिस को मुख्यालय की तरफ से पुरस्कृत किया जाएगा।
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मानव व्यापार निरोध दिवस पर पुलिस मुख्यालय में वीकर सेक्शन की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। डीजीपी इसी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
बाल उत्पीड़न के खिलाफ होना चाहिए आंदोलन
मौके पर डीजीपी ने कहा कि सफेदपोशी की आड़ में बाल उत्पीड़न जैसा घीनौना काम हो रहा है। कुछ लोग इसी काम में लगे हुए हैं। इसके खिलाफ लोगों को बढ़ चढ़कर आंदोलन करना चाहिए। मगर, ऐसा होता नहीं है। इन्हें रोकने के लिए काम कर रही पुलिस के खिलाफ ही समाज में लोग आंदोलन करने लगते हैं।
डीजीपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि नारकोटिक्स के बाद मानव तस्करी दूसरा बड़ा ऑर्गनाइज्ड क्राइम है। इस मामले में कार्रवाई को लेकर बड़े स्तर पर मंथन की जरूरत है। क्योंकि, 2 से 3 हजार बच्चों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में 7 हजार बच्चों के लापता होने के मामले आए। इनमें 4500 से 5 हजार के करीब बच्चों को बरामद किया गया।
बाकी बच्चों का कुछ पता नहीं चल रहा है। इन्हें बाल श्रम, भीख मांगने और वेश्यावृति के धंधे में धकेल दिया जा रहा है। इस साल अब तक में मानव तस्करी के धंधे से जुड़े 150 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बिहार पुलिस के मुखिया ने एक बात और मानते हुए कहा कि पहले गुमशुदगी के मामले तीन हजार के करीब दर्ज होते थे। जो अब बढ़कर 10 से 12 हजार तक हो गए हैं।