23 दिन तक हर दिन वीडियो कॉल कर डरा धमकाकर डिटेल ले ली जाती थी।
अहमदाबाद में 80 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 86.22 लाख रुपये ऐंठने का मामला सामने आया है। बुजुर्ग व्यक्ति को मुंबई पुलिस के नाम पर फोन करके धमकाया गया था कि वह सरकार और हिंदू धर्म के खिलाफ मैसेज भेज रहा है। जांच के दौरान आपको घर में नजरबंद
.
डरे हुए बुजुर्ग दंपती को डिजिटली गिरफ्तार कर उनसे पैसे ऐंठने के अलावा उन्हें 23 दिनों तक इस हद तक डरा भी दिया गया कि वे हर सुबह-शाम वीडियो कॉल के जरिए रिपोर्ट करते थे। एक दिन जब उनका सीए घर आया तो उसे इस डिजिटल गिरफ्तारी के बारे में पता चला और उसने साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। इस पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
सरकार और हिंदू धर्म के खिलाफ संदेश भेजने का कहकर डराया 4 जून को उन्हें एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बांद्रा ईस्ट साइबर क्राइम ऑफिस का कर्मचारी जानवी आहूजा बताया। बुजुर्ग को बताया गया कि उनके नाम से मुंबई से एक सिम कार्ड लिया गया है और जिस नंबर से सरकार और हिंदू धर्म के खिलाफ संदेश भेजे जा रहे हैं। बुजुर्ग ने दलील दी थी कि वह साढ़े तीन साल से मुंबई नहीं गया है।
उसके बाद मामले की जांच कर रहे अधिकारी को मोबाइल ट्रांसफर कर दिया और कहा कि वह सीनियर सिटीजन हैं। जट गाठिया ने खुद को पुलिस अधिकारी मोहन कुमार बताया और कुछ पूछताछ के बाद पूछा कि क्या कोई विवेक दास को जानता है। उसने यह भी कहा कि आपने विवेक दास को एक अकाउंट किराए पर दिया है। जिसमें से उसने 38 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं और आपको 38 लाख रुपये कमीशन भी मिला है।

चार टुकड़ों में बदमाशों ने 86.22 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए पुलिस अधिकारी ने डरे हुए बुजुर्ग दंपत्ति को सरकारी वकील दीपक वैकंठरामन से संपर्क करने को कहा और उन्हें आश्वस्त किया। साथ ही उन्होंने उनसे ये सारी बातें गुप्त रखने को कहा और उनके सभी बैंक खातों और निवेशों या बचतों का ब्यौरा हासिल कर लिया। डरे हुए बुजुर्ग दंपत्ति को घर से बाहर निकलने के लिए भी इजाजत लेनी पड़ती थी और हर सुबह-शाम वीडियो कॉल के जरिए इस गिरोह को रिपोर्ट करना पड़ता था।
बुजुर्ग दंपती के सारे पैसे अपने एक अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। चार टुकड़ों में बदमाशों ने 86.22 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। जालसाजों ने बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटली गिरफ्तार कर उन्हें डरा दिया था। वे बैंक या स्थानीय पुलिस स्टेशन तक न पहुंच पाएं, इसके लिए साइबर जालसाजों ने उन्हें धमकाया और कहा कि इस घोटाले में आपके बैंक और सैटेलाइट पुलिस के कुछ लोग भी शामिल हैं, इसलिए इन मामलों को पूरी तरह गुप्त रखें।