बेटा दे तो ऐसा ही! पिता के बर्थडे पर बेटा 11 सालों से फ्री में बांट रहा किताब

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बेटा दे तो ऐसा ही! पिता के बर्थडे पर बेटा 11 सालों से फ्री में बांट रहा किताब


अहमदाबाद के नरोदा इलाके में रहने वाले प्रवीण सिंह परमार, जिन्हें लोग प्यार से ‘बोडो दरबार’ कहते हैं, पिछले 11 सालों से बच्चों को मुफ्त में नोटबुक और किताबें बांट रहे हैं. स्कूल खुलने से पहले हर साल जब बच्चे पढ़ाई की तैयारी करते हैं, तब यह समाजसेवी चुपचाप हजारों बच्चों तक किताबें पहुंचाते हैं. उनका यह काम बिना किसी प्रचार के, सिर्फ सेवा भाव से होता है.

पिता के जन्मदिन से हुई शुरुआत
साल 2014 में प्रवीण सिंह ने अपने पिता सतुभा परमार के जन्मदिन को खास अंदाज़ में मनाने का फैसला किया. उन्होंने गरीब और जरूरतमंद बच्चों को 5,000 किताबें बांटीं. तभी से यह सेवा एक परंपरा बन गई, जो आज भी उतनी ही निष्ठा से निभाई जा रही है. हर साल ये सेवा और भी बड़ी होती जा रही है, और आज यह संख्या 10,000 किताबों तक पहुंच गई है.

जिनके माता-पिता नहीं रहे, उनके लिए भी उम्मीद बने
प्रवीण सिंह उन बच्चों तक भी नोटबुक पहुंचाते हैं, जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं. खासकर कोरोना काल में जब कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया, तब उन्होंने ऐसे बच्चों की पढ़ाई में रुकावट न आए, इसके लिए विशेष अभियान चलाया. उनके लिए ये किताबें किसी तोहफे से कम नहीं होतीं.

35 साल से समाज सेवा का सिलसिला
प्रवीण सिंह परमार की सेवा की शुरुआत अंतिम संस्कार की सामग्री मुफ्त में उपलब्ध कराने से हुई थी. पिछले 35 वर्षों से यह सेवा बिना रुके जारी है. इसके बाद कोरोना काल में उन्होंने अपनी गाड़ियाँ शव वाहन और एम्बुलेंस में बदल दीं और लोगों की मदद के लिए सड़कों पर उतर आए. उनकी यह भावना ही उनके सेवा कार्यों की असली ताकत है.

‘शक्ति ग्रुप’ बना सेवा का मजबूत प्लेटफॉर्म
समय के साथ उन्होंने अपने मित्रों के सहयोग से ‘शक्ति ग्रुप’ बनाया, जो अब सेवा का एक संगठित प्लेटफॉर्म बन गया है. इस ग्रुप की मदद से वे अधिक बच्चों तक पहुंच बना पा रहे हैं और हर साल हजारों छात्रों को पढ़ाई का सामान दे रहे हैं. इस वर्ष भी किताब वितरण का कार्यक्रम पूरे जोर-शोर से चलाया गया है.

बुज़ुर्गों और नेताओं की मौजूदगी में बांटी गईं किताबें
बुधवार को अहमदाबाद में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें अहमदाबाद पश्चिम से सांसद दिनेश मकवाना, पूर्व भाजपा शहर अध्यक्ष अमित शाह, नरोदा की विधायक पायल कुकरानी और कई समाजसेवी मित्र मौजूद रहे. इस मौके पर एक ही दिन में 100 से अधिक बच्चों को किताबें दी गईं. यह नजारा भावुक कर देने वाला था, जब बच्चों के चेहरों पर किताबें पाकर मुस्कान लौट आई.



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