Monday, December 1, 2025
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ब्रिटेन में वोट देने की न्यूनतम उम्र 16 साल हुई: चुनावी सिस्टम में 56 साल बाद बदलाव, विदेशी दखल रोकने के लिए नियम बदले


इंग्लैंड4 मिनट पहले

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एक सर्वे के मुताबिक इस फैसले से ब्रिटेन की 95 लाख आबादी को फायदा मिलेगा।

ब्रिटेन में अब वोट डालने की न्यूनतम उम्र अब 18 से घटकर 16 साल हो गई है। सरकार ने ऐलान किया है कि अब 16 और 17 साल के युवा भी अगले आम चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं।

ब्रिटेन में मतदान की उम्र में आखिरी बार बदलाव 1969 में हुआ था, जब इसे 21 से घटाकर 18 साल किया गया था।

इससे पहले ये युवा केवल स्कॉटलैंड और वेल्स में कुछ चुनावों में ही वोट डाल सकते थे, लेकिन अब वे पूरे ब्रिटेन में स्थानीय, क्षेत्रीय और आम चुनावों में हिस्सा ले सकेंगे।

इसके अलावा ब्रिटेन की सरकार ने एक नया नियम बनाया है, जिसके तहत अब कोई भी राजनीतिक पार्टी विदेश से 500 पाउंड (लगभग 58,000 रुपए) से ज्यादा का चंदा नहीं ले सकेगी।

सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि विदेशी अरबपति, जैसे कि एलन मस्क, ब्रिटेन की राजनीति और चुनावों को पैसे के जरिए प्रभावित न कर सकें।

ब्रिटेन में चुनावी सिस्टम में हुए इस बदलाव को पिछले 56 साल में हुआ सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है।

ब्रिटेन में चुनावी सिस्टम में हुए इस बदलाव को पिछले 56 साल में हुआ सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है।

युवाओं की भागीदारी बढ़ाना भी मकसद

सरकार का कहना है कि यह कदम युवाओं के साथ न्याय करने और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाया गया है, खासकर उन युवाओं के लिए जो सेना में काम कर रहे हैं या देश की सेवा के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, सरकार का मानना है कि इससे देश की चुनावी प्रणाली में जनता का भरोसा दोबारा बहाल करने में मदद मिलेगी। यह फैसला लेबर पार्टी के उस वादे को भी पूरा करता है, जो उसने पिछले साल चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में किया था।

95 लाख आबादी को फायदा होगा

IPPR थिंकटैंक के मुताबिक, इस बदलाव से ब्रिटेन में 95 लाख युवाओं को फायदा होगा। फिलहाल ब्रिटेन में लगभग 4 करोड़ 82 लाख लोग वोटर रजिस्टर में दर्ज हैं।

उप-प्रधानमंत्री एंजेला रेनर ने कहा कि लोग लंबे समय से लोकतंत्र और सरकारी संस्थाओं में भरोसा खोते जा रहे हैं, इसलिए अब समय आ गया है कि इसमें बदलाव किया जाए।

उन्होंने कहा कि 16 साल के युवाओं को वोट देने का हक देना न सिर्फ लोकतांत्रिक भागीदारी बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य के लिए समाज को मजबूत भी करेगा।

ड्राइविंग लाइसेंस दिखाकर वोट दे सकेंगे

इस बदलाव के साथ-साथ सरकार वोटर आईडी सिस्टम में भी बदलाव कर रही है। अब बैंक कार्ड को भी वोटर पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

इसके अलावा, ड्राइविंग लाइसेंस और वेटरन कार्ड जैसे अन्य पहचान पत्र जो डिजिटल रूप में उपलब्ध हैं, उन्हें भी मान्यता दी जाएगी। हालांकि इस पर कुछ विपक्षी नेताओं ने चिंता जताई है कि इससे वोटिंग प्रक्रिया की सुरक्षा कमजोर हो सकती है।

विदेशी दखलअंदाजी रोकने के लिए नियम सख्त किए

सरकार ने कहा कि वह चुनावों में विदेशी दखल को रोकने के लिए नियम सख्त कर रही है। अब राजनीतिक दान देने वाली कंपनियों को यह साबित करना होगा कि उनका संबंध ब्रिटेन या आयरलैंड से है और वे वहीं से आय अर्जित करती हैं।

अभी तक कोई भी ब्रिटिश कंपनी किसी भी राजनीतिक दल को दान दे सकती थी, चाहे वह कंपनी कहीं की भी हो और उसका मालिक कोई भी हो। अब अगर कोई ‘शेल कंपनी’ के जरिए किसी राजनीतिक पार्टी को दान देना चाहेगी, तो उसे सख्त नियमों का पालन करना होगा।

2024 में राष्ट्रपति ट्रम्प के मार-ए-लोगो रिसॉर्ट में इलॉन मस्क के साथ नाइजल फराज (लेफ्ट)।

2024 में राष्ट्रपति ट्रम्प के मार-ए-लोगो रिसॉर्ट में इलॉन मस्क के साथ नाइजल फराज (लेफ्ट)।

58 हजार रुपए से ज्यादा दान मिलने की जांच होगी

यह कदम खासकर उस समय उठाया गया है जब अमेरिकी अरबपति इलॉन मस्क के नाइजल फराज की रिफॉर्म यूके पार्टी को भारी रकम दान देने की बात सामने आई थी। अब नए नियमों के तहत, मस्क जैसे विदेशी नागरिक ब्रिटेन की राजनीति को प्रभावित नहीं कर पाएंगे जब तक वे यह साबित न करें कि उनका पैसा ब्रिटेन से आ रहा है।

अब 500 पाउंड (करीब 58 हजार रुपए) से ज्यादा के दान की सख्ती से जांच होगी, खासकर अगर वे विदेश से आए हों। चुनाव आयोग को अब यह अधिकार भी मिलेगा कि वह नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख पाउंड तक का जुर्माना लगा सके।

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