भगवान जगन्नाथ बीमार, डॉक्टर कर रहे इलाज: प्रयागराज में 15 दिन के लिए भगवान का एकांतवास, काढ़ा और दवा का लगाया जा रहा है भोग – Prayagraj (Allahabad) News

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भगवान जगन्नाथ बीमार, डॉक्टर कर रहे इलाज:  प्रयागराज में 15 दिन के लिए भगवान का एकांतवास, काढ़ा और दवा का लगाया जा रहा है भोग – Prayagraj (Allahabad) News



कुछ इस भगवान जगन्नाथ का स्वास्थ्य परीक्षण करते डाक्टर।

प्रयागराज में वर्षों पुरानी चली आ रही पौराणिक परंपराओं को आगे बढ़ाई जा रही है। भीषण गर्मी से भगवान जगन्नाथ बीमार हैं और उनका इलाज शुरू चल रहा है। सुबह शाम औषधि काढ़ा और दवा का भोग लगाया जा रहा है। रूटीन में उनके ब्लड प्रेशर आदि की जांच भी की जाती है।

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स्वर्ण कुआं के जल से भगवान करते हैं स्नान

दरअसल, भगवान जगन्नाथ को स्नान कराने वाले दिवस को देव पूर्णिमा स्नान दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन जगन्नाथ पुरी धाम मंदिर में पूर्ण विधि के अनुसार भगवान जगन्नाथ, भ्राता बलभद्र एवं देवी सुभद्रा को स्नान करने के लिए मंदिर परिसर के अंदर स्थित कुएं से पानी लाया जाता है जिसे स्वर्ण कुंआ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर परिसर के उत्तरी प्रवेश द्वार के पास माता शीतला मंदिर के बगल में स्थित है।

भगवान जगन्नाथ देवी सुभद्रा एवं बलभद्र को स्नान करने के लिए 108 घड़ों का प्रयोग किया जाता है और प्रत्येक खड़े के जाल में केसर, कपूर, चंदन का लेप, जड़ी बूटियां और और सुगंधित पदार्थ मिलाए जाते हैं और प्रत्येक खड़े को एक नए कपड़े में लपेटा जाता है और घड़े के मुंह को नारियल से ढंक दिया जाता है। स्नान के समय भगवान जगन्नाथ जी को 35 बलभद्र जी को 33, देवी सुभद्रा को 22 और भगवान जगन्नाथ जी के सुदर्शन चक्र पर 18 घड़ों से भरे हुए जल से स्नान कराया जाता है। स्नान के उपरांत भगवान जगन्नाथ जी जोर से पीड़ित होते हैं और 14 दिनों के लिए विश्रामगृह में चले जाते हैं जिसे हम विश्राम यात्रा के रूप में जानते हैं। यह यात्रा जगन्नाथ जी महोत्सव समिति ट्रस्ट के द्वारा आयोजित होती है।

डाॅक्टर बनाते हैं भगवान का डाइट चार्ट

राजेश केसरवानी ने बताया कि 15 दिनों तक भगवान जगन्नाथ जी को स्वस्थ होने तक प्रतिदिन काढे़ प्रसाद का भोग लगता है। इसके अलावा प्रत्येक दिनों में अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। डॉक्टर बताते हैं कि भगवान को इस समय क्या खिलाना है या क्या भोग लगाया जाएगा। ।

इसी क्रम में भगवान जगन्नाथ जी को 13 जून को मूंग की दाल, 14 जून को कढ़ी चावल, 15 जून को मूंग का चिल्ला, 16 जून को मूंग का हलवा, 17 जून को डॉक्टर के द्वारा चिकित्सीय परीक्षण एवं आयुर्वेदिक औषधि भोग लगाया गया।

अब 18 जून को मिक्स पकौड़ी, 19 जून को दाल चावल रोटी सब्जी, 20 जून को कचौड़ी सब्जी, एवं जलजीरा 21 जून को मीठा चावल, 22 जून को आम का जूस तथा लस्सी, 23 जून को दही बड़ा 24 जून को मलाई रबड़ी एवं फुल्की 25 जून को डोसा और इटली, 26 जून को मेवे की खीर का भोग लगाया जाएगा।



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