Monday, December 1, 2025
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​​​​​​​भाजपा कार्यकारिणी में जोधपुर खाली हाथ, खींचतान ने बिगाड़ा खेला!: जोधपुर की राजनीतिक हैसियत पर सवालिया निशान, नेताओं में मायूसी – Jodhpur News


राजस्थान भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी में जोधपुर को एक भी स्थान नहीं मिला है, जो पार्टी संगठन के इतिहास में दुर्लभ घटना मानी जा रही है। गुरुवार को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निर्देश पर प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने 34 सदस्यीय नई कार्यकार

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पार्टी सूत्रों की मानें तो जोधपुर से पूर्व पार्षद सीमा माथुर और पूर्व मंत्री मोहन मेघवाल के पुत्र धुरेंद्र मेघवाल के नामों को शामिल करने को लेकर मंथन हुआ था, लेकिन विवाद के चलते अंतिम समय में सूची से दोनों नामों को हटा दिया गया।​

इमेज सोर्स – AI

केंद्रीय मंत्री बनाम स्थानीय नेतृत्व की रस्साकशी

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने सीमा माथुर के नाम की अनुशंसा की थी, जबकि स्थानीय संगठन और जिला स्तर के नेताओं ने धुरेंद्र मेघवाल के नाम को आगे बढ़ाया था। दोनों गुटों के बीच समझौता न होने पर प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने ‘सेफ गेम’ खेलते हुए दोनों नामों को ही बाहर कर दिया। यह फैसला जोधपुर की राजनीतिक ताकत पर सवाल खड़ा करता है, जहां भाजपा ने 2023 विधानसभा चुनाव में 10 में से 8 सीटें जीती थीं।

नौ माह का इंतजार और शीर्ष नेतृत्व का दबाव

फरवरी 2025 में सर्वसम्मति से दूसरी बार प्रदेशाध्यक्ष बने मदन राठौड़ के लिए कार्यकारिणी विस्तार चुनौतीपूर्ण रहा। सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में पार्टी ने पांच सीटें जीतीं, जिसमें देवली-उनियारा के साथ नागौर के खींवसर की सीट आरएलपी से छीनना बड़ी उपलब्धि थी। हालांकि, कार्यकारिणी विस्तार में नौ माह की देरी के पीछे कुछ नामों पर प्रदेश स्तरीय नेताओं की आपत्ति बताई जाती है। अंततः राष्ट्रीय नेतृत्व के दबाव में घोषणा करनी पड़ी।​

नई कार्यकारिणी में 9 उपाध्यक्ष, 4 महामंत्री, 7 मंत्री, एक कोषाध्यक्ष, सह कोषाध्यक्ष, प्रकोष्ठ प्रभारी और 7 प्रवक्ता नियुक्त किए गए हैं। पिछली कार्यकारिणी में 10 उपाध्यक्ष थे, जिसे घटाकर 9 कर दिया गया।​

पूरे मारवाड़ को मिले सिर्फ चार पद

मारवाड़ की (जोधपुर संभाग की 33 और नागौर की 10) विधानसभा सीटों को मिलाकर कुल 43 में से भाजपा ने 27 सीटें जीती थीं, जो प्रदेश में सर्वाधिक थीं। ऐसे में संगठन में बेहतर प्रतिनिधित्व का हक भी स्वाभाविक था। लेकिन नई कार्यकारिणी में पूरे मारवाड़ को केवल चार पद ही मिले हैं और पहली बार जोधपुर पूरी तरह बाहर रहा।

मंत्रिमंडल विस्तार में जोधपुर को तोहफे की उम्मीद

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संगठन में उपेक्षा के बाद जोधपुर की निगाहें अब मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हैं, जो दिसंबर 2025 में सरकार के दो वर्ष पूरे होने से पहले संभावित है। फिलहाल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित 24 मंत्री हैं, जबकि छह पद खाली हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में वसुंधरा राजे गुट को साधने के साथ-साथ मारवाड़, शेखावाटी, मेवाड़, पूर्वी राजस्थान और आदिवासी क्षेत्रों से नए चेहरों को स्थान मिल सकता है।​

क्षेत्रीय-जातीय समीकरण के हिसाब से भी अधिक प्रतिनिधित्व की आंतरिक मांग भी जारी है। मुख्यमंत्री मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं और विधायकों से फीडबैक ले रहे हैं, जिससे कुछ मंत्रियों की छुट्टी की अटकलें भी तेज हो गई हैं।​

ऐतिहासिक परंपरा टूटी

जोधपुर से राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नोई, डॉ. सतीश पुनिया के कार्यकाल में प्रसन्न चंद मेहता और सीपी जोशी के समय नारायण पंचारिया प्रदेश कार्यकारिणी में रहे हैं। लेकिन इस बार यह परंपरा टूट गई, जो जोधपुर के राजनीतिक प्रभाव में कमी का संकेत है। स्थानीय भाजपा नेताओं में निराशा है, लेकिन स्थानीय नेता इस पर खुलकर कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।



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