Last Updated:
Red Fort Blast Update: एनआईए और अन्य एजेंसियों ने लाल किला ब्लास्ट के पीछे रहे फरीदाबाद के पूरे जैश मॉड्यूल को तहस-नहस कर दिया. गिरफ्तारियों में कई डॉक्टर और मौलवी शामिल हैं. घरों से कुल मिलाकर करीब 3,000 किलो विस्फोटक जब्त हुए, जिनमें 2,563 किलो की बड़ी खेप भी मिली. केस अब एनआईए के पास है.
नई दिल्ली: लाल किला ब्लास्ट के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी सबसे बड़ी कार्रवाई की है. एनआईए, एनएसजी और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के उस पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश हो गया है जो दिल्ली धमाके के पीछे था. यह कार्रवाई भारत की ‘Zero Tolerance Against Terror’ नीति की सबसे बड़ी मिसाल मानी जा रही है. जांच में सामने आया कि धमाके की जड़ जम्मू-कश्मीर के नौगाम इलाके में मिलीं. यहां 19 अक्टूबर 2025 को कुछ उत्तेजक पोस्टर्स मिले, जिन पर एफआईआर दर्ज हुई और जांच शुरू हुई. इसके बाद गिरफ्तारी का सिलसिला तेज हुआ.
- 20 से 27 अक्टूबर के बीच मौलवी इरफान अहमद वाघे (शोपियां) और जमीर अहमद (गांदरबल) को गिरफ्तार किया गया.
- 5 नवंबर को डॉ. अदील को सहारनपुर से पकड़ा गया.
- 7 नवंबर को अनंतनाग हॉस्पिटल से AK-56 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया.
- 8 नवंबर को हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में छापेमारी हुई, जहां से पिस्टल, विस्फोटक और डिटोनेटर मिले. पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस मॉड्यूल में कई मेडिकल प्रोफेशनल्स शामिल हैं. इन्हीं में से एक डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया.
- इसके बाद 9 नवंबर को फरीदाबाद के धौज से ‘मद्रासी’ नाम के व्यक्ति को पकड़ा गया.
- फिर 10 नवंबर को सबसे बड़ा धमाका तब हुआ जब मेवात के निवासी और अल-फलाह मस्जिद के इमाम हफीज मोहम्मद इश्तियाक के घर से 2,563 किलो विस्फोटक बरामद हुआ. इसके अलावा 358 किलो अतिरिक्त बारूद, टाइमर और डिटोनेटर भी मिले. कुल मिलाकर, एजेंसियों ने करीब 3,000 किलो विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री जब्त की.

