Sunday, July 6, 2025
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भारत जल्द अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाएगा: US ने ऑटोमोबाइल और पार्ट्स पर 25% ड्यूटी लगाया है, इससे ₹24,710 करोड़ का एक्सपोर्ट खतरे में


नई दिल्ली5 मिनट पहले

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23 मार्च 2018 को अमेरिका ने भारत के स्टील प्रोडक्ट्स पर 25% और एल्युमीनियम प्रोडक्ट्स पर 10% टैरिफ लगाया था। जनवरी 2020 में इसे आगे के लिए बढ़ा दिया था।

भारत जल्द ही अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान कर सकता है। क्योंकि, अमेरिका ने पैसेंजर व्हीकल, छोटे ट्रक और कुछ ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स पर 25% ड्यूटी लगाने का फैसला किया है, जिससे भारत का 2.89 बिलियन डॉलर (करीब ₹24,710 करोड़) का एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है।

भारत ने एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन में WTO के साथ यह प्रस्ताव शेयर किया है। शुक्रवार (3 जुलाई 2025) को WTO को दिए नोटिफिकेशन में सरकार ने कहा कि अपने हितों की रक्षा के लिए भारत अमेरिका को जो टैरिफ छूट दे रहा है उसे खत्म कर सकता है।

भारत अमेरिका के बराबर ₹6,200 करोड़ टैरिफ वसूलेगा

अमेरिका 25% टैरिफ से 725 मिलियन डॉलर (करीब ₹6,200 करोड़) वसूलेगा। भारत ने कहा है कि वह भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाकर इतना ही ड्यूटी वसूलेगा। हालांकि भारत ने अभी साफ नहीं किया है कि किन अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर यह टैरिफ लगेगा और कितना लगेगा।

भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से तय की गई 9 जुलाई की समय सीमा से पहले वाशिंगटन के साथ ट्रेड डील करने की कोशिश कर रहा है। जिसके बाद उन्होंने सभी आयातित भारतीय वस्तुओं पर 26% टैरिफ लगाने की धमकी दी है।

भारत ने संकेत दिया है कि वह अमेरिका के लिए अपनी उच्च टैरिफ दरों में कटौती करने के लिए तैयार है, लेकिन उसने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने की वाशिंगटन की मांगों को स्वीकार नहीं किया है।

नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देकर 2018 से टैरिफ वसूल रहा US

इससे पहले भारत ने स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिकी टैरिफ के जवाब में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों के मुताबिक रीटेलिएटरी लगाने की बात कही थी। अमेरिका अपने बिजनेस सेफ्टी का हवाला देते हुए इन प्रोडक्ट्स पर 2018 से टैरिफ वसूल रहा है।

WTO के अनुसार, इससे भारतीय उत्पाद के 7.6 बिलियन डॉलर (करीब ₹64,512 करोड़) के आयात पर असर पड़ेगा, जिसमें करीब 1.91 बिलियन डॉलर (करीब ₹16,213 करोड़) का ड्यूटी है।

2018 में लगाया था 25% ड्यूटी

23 मार्च 2018 को अमेरिका ने भारत के स्टील प्रोडक्ट्स पर 25% और एल्युमीनियम प्रोडक्ट्स पर 10% टैरिफ लगाया था। जनवरी 2020 में इसे आगे के लिए बढ़ा दिया था।

इस साल 10 मई को अमेरिका ने इंपोर्ट ड्यूटी को रिवाइज कर दोनों उत्पादों (एल्युमिनियम और स्टील) पर 25% कर दिया, जो कल यानी 12 मई से लागू है।

भारत ने WTO को बताया है कि स्टील, एल्युमीनियम और संबंधित उत्पादों पर अमेरिकी सुरक्षा उपायों के जवाब में कुछ रियायतों को समाप्त कर देगा।

अमेरिका बोला- राष्ट्रीय सुरक्षा को देखकर टैरिफ लगाया

इससे पहले अप्रैल में भारत ने नए टैरिफ लगाने के अमेरिकी फैसले के बाद WTO के सेफ गार्ड एग्रीमेंट के तहत अमेरिका से बातचीत करने की बात कही थी।

इसके जवाब में अमेरिका ने WTO को बताया कि टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लगाए गए थे, उन्हें सेफ गार्ड उपायों के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। हालांकि, WTO ने अमेरिकी टैरिफ को सेफ गार्ड उपाय माना है।

टैरिफ क्या होता है?

टैरिफ दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाया जाने वाला टैक्स है। जो कंपनियां विदेशी सामान देश में लाती हैं, वे सरकार को ये टैक्स देती हैं। इसे एक उदाहरण से समझिए…

  • टेस्ला का साइबर ट्रक अमेरिकी बाजार में करीब 90 लाख रुपए में बिकता है।
  • अगर टैरिफ 100% है तो भारत में इसकी कीमत करीब 2 करोड़ हो जाएगी।

रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब क्या है?

रेसिप्रोकल का मतलब होता है- तराजू के दोनों पलड़े को बराबर कर देना। यानी एक तरफ 1 किलो भार है तो दूसरी तरफ भी एक किलो वजन रख कर बराबर कर देना।

ट्रम्प इसे ही बढ़ाने की बात कर रहे हैं। यानी भारत अगर कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर100% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस तरह के प्रोडक्ट्स पर 100% टैरिफ लगाएगा।

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अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया: ट्रम्प बोले- मोदी अच्छे दोस्त, लेकिन टैरिफ पर व्यवहार ठीक नहीं; भारत बोला- बातचीत से हल निकालेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार देर रात भारत पर 26% टैरिफ (रेसिप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ) लगाने का ऐलान किया। ट्रम्प ने कहा- भारत बहुत सख्त है। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं।

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‘आंख के बदले आंख’ की तर्ज पर टैरिफ लगाएंगे ट्रम्प: भारत को हर साल ₹61 हजार करोड़ का नुकसान, अमेरिकी सामान सस्ते हो सकते हैं

अमेरिका 2 अप्रैल से भारत पर ‘आंख के बदले आंख’ की तर्ज पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा। इसका मतलब यह कि भारत जितना टैरिफ अमेरिकी कंपनियों से आने वाले सामान पर लगाएगा, अमेरिका भी उतना ही टैरिफ भारतीय कंपनियों के अमेरिका जाने वाले सामान पर लगाएगा।

ये ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय समय के मुताबिक 5 मार्च को सुबह अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन में किया। उन्होंने रिकॉर्ड 1 घंटा 44 मिनट का भाषण दिया।

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