गांधी चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध हमीदिया अस्पताल में नए टेलीमेडिसिन सेंटर की शुरुआत की गई है। इस सेंटर के शुरू होने से अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी मरीजों को विशेषज्ञों से इलाज और परामर्श मिल सकेगा। जिससे उन्हें बार बार शहरों के बड़े अस्पतालों के
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पहले चरण में हमीदिया अस्पताल के तीन विभागों को 43 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) से जोड़ा गया है। सेंटर का उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गुरुवार को लोकार्पण किया। कार्यक्रम के दौरान, थैलेसीमिया डे केयर सेंटर के बच्चों ने उप मुख्यमंत्री को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। इस दौरान डीएमई डॉ. अरुणा कुमार, जीएमसी डीन डॉ. कविता एन सिंह, हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने टेलीमेडिसिन हब रूम से वीडियो कॉल के जरिए सीहोर के मरीज और वहां के डॉक्टर से बात कर कार्यप्रणाली को समझा।
यह टेलीमेडिसिन सेंटर गांधी मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल ब्लॉक नंबर-2 की चौथी मंजिल पर बनाया गया है। यह सुविधा दूर-दराज के इलाकों के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि अब उन्हें छोटी मोटी बीमारियों या सलाह के लिए शहर नहीं आना पड़ेगा।
3 विभागों से हुई शुरुआत, पहले दिन 7 मरीजों को मिला परामर्श
इस सेंटर की शुरुआत अभी 3 विभागों से की गई हैं। जिसमें गायनोकोलॉजी (स्त्री रोग) के 7 चिकित्सक, पीडियाट्रिक (बच्चों के रोग) के 8 चिकित्सक और मेडिसिन विभाग के 11 चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। यह विशेषज्ञ 3 जिलों (भोपाल, सिहोर और हरदा) के 43 पीएचसी में आने वाले मरीजों को जरूरत पड़ने पर रोजाना एक घंटे सेवाएं देंगे। गुरुवार को पहले दिन 7 मरीजों को परामर्श दिया गया। जिसमें 3 भोपाल, 3 सिहोर और 1 हरदा जिले का मरीज शामिल रहा।
कैसे काम करेगी यह सुविधा:
- डॉक्टरों की एक टीम हर दिन दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक इस टेलीमेडिसिन सेंटर में मौजूद रहेगी।
- गांधी मेडिकल कॉलेज से तीन जिलों के 43 PHC जोड़े गए हैं। इन PHC से ही मरीज वीडियो कॉल पर मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों से बात कर पाएंगे।
- मरीज की जांच रिपोर्ट को स्कैनर से स्कैन करके तुरंत भोपाल के डॉक्टरों तक भेजा जाएगा, जो उनकी कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखेगी।
- डॉक्टर वीडियो कॉल पर ही मरीज की बीमारी देखकर एक क्लिक में दवा की पर्ची बना देंगे। यह पर्ची तुरंत PHC पर प्रिंट होकर निकल जाएगी और मरीज को वहीं से दवाएं भी मिल जाएंगी।
- अगर किसी मरीज की हालत ज्यादा गंभीर लगती है, तो विशेषज्ञ डॉक्टर तुरंत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर खास सलाह देंगे। अगर ज़रूरत पड़ी, तो मरीज को बड़े अस्पताल (जैसे गांधी मेडिकल कॉलेज) में भेजने की सलाह भी दी जाएगी।
डॉक्टरों को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा:
- हर बार जब कोई विशेषज्ञ डॉक्टर टेली-कंसलटेशन देगा, तो उसे 50 रुपए मिलेंगे। इससे ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर इसमें शामिल होंगे।
- PHC पर बैठे डॉक्टर को, अगर वे महीने में 25 मरीजों को टेली-कंसलटेशन दिलवाते हैं, तो उन्हें 600 रुपए का अलग से मानदेय (फीस) दिया जाएगा।
स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ाना प्राथमिकता उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस मौके पर जोर देकर कहा कि टेलीमेडिसिन सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में आने वाले मरीजों को भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह आसानी से मिल पाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ई-संजीवनी पोर्टल पहले ही शुरू किया जा चुका है। जो टेलीफोन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करता है। इस पोर्टल के जरिए मरीज घर बैठे मुफ्त में विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। अब टेलीमेडिसिन सेवा से बड़े मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा, क्योंकि अब छोटे केंद्रों पर ही उन्हें विशेषज्ञ परामर्श मिल जाएगा। साथ ही, उन्होंने इस सेवा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को भी कहा, ताकि प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इसका अधिकतम फायदा उठा सकें।
स्टाफ की कमी दूर करने पर फोकस उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि सरकार का फोकस चिकित्सा विशेषज्ञों और अन्य मेडिकल स्टाफ की भर्ती पर है। जिससे स्टाफ की कमी दूर होगी। इन नए विशेषज्ञों को खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने घोषणा की कि हमीदिया हॉस्पिटल कैंपस में जर्जर भवनों का रिनोवेशन किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कमला नेहरू हॉस्पिटल को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बदलने की बात भी कही, जिससे मरीजों को और भी बेहतर इलाज मिल सकेगा।
उन्होंने प्रेरणा सेवा ट्रस्ट द्वारा अस्पताल को भेंट किए गए ई-रिक्शा का भी लोकार्पण किया, जो मरीजों और स्टाफ को कैंपस में आने-जाने में सुविधा देगा। साथ ही, उन्होंने अस्पताल में स्थापित बेबी फीडिंग रूम का भी उद्घाटन किया, जिससे माताओं को अपने शिशुओं को स्तनपान कराने में आसानी होगी। जो एक भावुक क्षण रहा।
शव वाहन व एडवांस कैथ लैब सुविधा होगी शुरू हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर परिसर में 251 पौधों का रोपण किया है, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति कॉलेज की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को तुरंत और सही इलाज देने के उद्देश्य से इमरजेंसी मेडिसिन विभाग और अधीक्षक कार्यालय ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। जिसके लिए सभी क्लिनिकल विभागों का सहयोग लिया जा रहा है। अस्पताल में नई सुविधाएं भी जोड़ी जा रही हैं, जिनमें शव वाहन, नवीन कैथ लैब, सीटी-स्कैन और एमआरआई जांच सुविधा की स्थापना प्रमुख है।