बीते शुक्रवार को शहर में हुई बारिश के बाद शहर की कई सड़कों पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
प्रयागराज में मानसून की पहली बारिश बीते शुक्रवार को हुई। कुछ घंटों की बारिश ने ही प्रयागराज को पानी से सराबोर कर दिया। हालत यह हो गई कि शहर के कई इलाकों की सड़कें पानी में डूब गई। जिससे वहां पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। उन सड़कों से गुजरने वाले ल
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प्रश्न- नालों और मेनहोल की सफाई के लिए लगातार निर्देश दिए जा रहे थे, उसके बाद भी मानसून से पहले कार्य पूरा नहीं हो सका? उत्तर- ऐसा नहीं है, नालों और मेनहोल की सफाई का कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है। कुछ स्थानों पर अभी कार्य जारी है। शहर में कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर नाला या मेनहोल की सफाई का कार्य पूरा करने के बाद वहां से निकली सिल्ट को सड़क किनारे सूखने के लिए रखा गया था, लेकिन अचानक हुई तेज बारिश के कारण वह सिल्ट फिर से नाले में चली गई। जिसकी पुन: सफाई करायी जा रही है।
प्रश्न- चंद घंटों की बारिश में शहर के कई इलाके डूब गए, इसको कैसे देखते हैं? उत्तर- पहले जब बारिश होती थी, तो कई दिन तक जल भराव को खत्म करने में लग जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। बारिश बंद होने के कुछ घंटों के अंदर ही सड़क पर लगा पानी अपने आप ही निकल गया। तेज बारिश के कारण सड़क पर जल जमाव की स्थिति बन जाती है। जिन इलाकों में बारिश के जल की निकासी में समस्या हुई। वहां पर पंप लगाकर तत्काल जल भराव की स्थिति को सामान्य करने के कार्य में नगर निगम प्रशासन लगा रहा।
शुक्रवार को मानसून की पहली अच्छी बारिश के बाद रविवार को भी मेडिकल चौराहा के पास बने फ्लाइओवर के पास जलजमाव का ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
प्रश्न- मेडिकल कॉलेज चौराहा के पास बने फ्लाईओवर के नीचे दो दिन तक जल भराव रहा, उस पर क्या कहेंगे? उत्तर- इसमें गलती पीडीए की है, फ्लाइओवर के निर्माण में पिलर डालते समय उसके नीचे गए सीवर लाइन को बंद कर दिया गया। इसके कारण भारी बारिश के समय पानी ओवरफ्लो करने लगता है। जिसके कारण यह समस्या आ रही है। इस बारे में पीडीए के अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है। इसके अलावा निगम की तरफ से सर्वें कराया गया है। जल्द ही इसका निदान भी लोगों को मिल जाएगा। निगम पूरी मुस्तैदी से शहर के लोगों की सहूलियत के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।
प्रश्न-पुराने शहर के कई इलाकों रामभवन चौराहा, चौक, साउथ मलाका आदि इलाकों में जल जमाव होने को लेकर क्या कहेंगे? उत्तर- सभी इलाकों में नालों और मेन होल की सफाई का कार्य करया जा चुका है। इसका ही परिणाम है कि वर्षा बंद होने के बाद कुछ घंटों में ही पानी इन इलाकों में खुद से निकल जाता है। पानी की निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। अचानक से अधिक बारिश होने के कारण यह समस्या आती है, लेकिन निगम की मुस्तैदी का ही असर है कि लोगों को थोड़े समय में समस्या का समाधान मिल जाता है।
प्रश्न- शहर के जार्जटाउन इलाके में कई मार्गों पर यह समस्या इस बार भी देखी गई है? उत्तर – नगर निगम की तरफ से नालों और मेनहोल की सफाई के लिए इस बार दस करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। रोबोटिक मशीनों से लेकर बड़े नालों की सफाई तक के लिए सभी जरूरी संशाधन उपलब्ध कराए गए थे। जिसका उपयोग करके कार्य कराया गया। जहां तक जार्जटाउन इलाके के कुछ सड़कों की बात है तो वहां पर निगम की तरफ से अलग -अलग स्थानों पर पंप लगाकर जल निकासी की व्यवस्था की गई है। जिससे लोगों को अधिक सहूलित हो सके।
प्रश्न- कई इलाकों में सीवर लाइन की पाइप गलत तरीके से डाल दी गई है, कई इलाकों में कनेक्शन नहीं दिया गया हैं, इस पर क्या कहना है? उत्तर- जिन इलाकों में सीवर लाइन की पाइप गलत तरीके से डाली गई है और उसकी शिकायत निगम के पास आयी है। वहां पर जांच करायी जा रही है। उसका सर्वें कराकर उसको दुरुस्त कराया जाएगा। जहां तक सीवर लाइन से कनेक्शन नहीं मिलने की बात है, तो उसको भी पता लगाकर कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा।