अरुण कुमार रावत | फिरोजाबाद3 मिनट पहले
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मिर्गी के मरीज पंडित को ग्रामीणों ने पीटा।
इटावा के जसवंतनगर थाना क्षेत्र के जनकपुर गांव में भागवत कथा के लिए आए एक धार्मिक प्रवक्ता पंकज उपाध्याय के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। 17 जून की रात, कथावाचक को मिर्गी का दौरा पड़ा, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें नशे में समझकर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए पीट दिया। यह पूरा मामला अब वायरल वीडियो और झूठे आरोपों के चलते विवाद का विषय बन गया है।
पीड़ित पंकज उपाध्याय फिरोजाबाद के टूंडला के निवासी हैं। वृंदावन से धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर पेशेवर कथावाचक के रूप में कार्यरत हैं। उनका पिछले 10 वर्षों से मिर्गी का इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है।वे जनकपुर गांव तीसरी बार कथा वाचन के लिए आए थे और इस बार कालीचरण नामक व्यक्ति से आयोजन की बातचीत कर रहे थे।
मिर्गी का दौरा पड़ा, गलतफहमी में ग्रामीणों ने पीटा
रात को अचानक पंकज को मिर्गी का दौरा पड़ा और वे बेसुध होकर एक महिला के पास पहुंच गए, जो घर के बाहर सो रही थी। इस दृश्य को देख ग्रामीणों ने उन्हें नशे में समझ लिया और छेड़खानी का आरोप लगाते हुए मारपीट शुरू कर दी।बाद में पुलिस को बुलाकर पंकज को उनके हवाले कर दिया गया।

पहचान भी बताई गई गलत
घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कथावाचक की गलत पहचान “पंकज मिश्रा” के नाम से की गई और छेड़छाड़ के आरोपों को हवा दी गई।पंकज उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि वे न तो शराब पीते हैं और न ही किसी प्रकार का नशा करते हैं। उन्होंने वायरल वीडियो को मानसिक उत्पीड़न और बदनामी की साजिश करार दिया है।
परिजनों का रोष, अब तक FIR नहीं
पंकज के माता-पिता ने इस घटना को लेकर गहरा दुख और रोष व्यक्त किया है। उनकी मां मंजू उपाध्याय का कहना है कि “बेटा अनुशासित जीवन जीता है और फिर भी यादव समाज के कुछ लोगों ने उसे पीटकर बदनाम कर दिया।”पिता राकेश उपाध्याय ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वृद्ध होने के कारण हम न्याय की लड़ाई अकेले नहीं लड़ सकते है।
पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
गौरतलब है कि 17 जून की घटना के बाद अब तक न तो यादव पक्ष की ओर से और न ही पंकज उपाध्याय के परिवार की ओर से कोई एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसी कारण पुलिस की ओर से भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
फिलहाल, पंकज उपाध्याय और उनके परिजन मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं और समाज में बदनामी का दंश झेल रहे हैं, जबकि वायरल वीडियो में दिखाया गया घटनाक्रम वास्तविकता से कोसों दूर है।