दरभंगा के अलीनगर से भाजपा विधायक रहे मिश्रीलाल यादव को पटना हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया। वे पिछले 25 दिन से न्यायिक हिरासत में थे।
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एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सह तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने 27 मई को मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव को आपराधिक अपील संख्या 03/25 और पुनर्विचार याचिका संख्या 06/25 में भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 506 के तहत दोषी करार दिया था। इसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ मिश्रीलाल यादव ने पटना हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।
जेल से बाहर आने के बाद मिश्रीलाल यादव ने कहा कि मुझे खुशी है। अलीनगर, केवटी और दरभंगा जिले की जनता को धन्यवाद देता हूं। उन्हीं के समर्थन से मैं अलीनगर से विधायक और दो बार दरभंगा से एमएलसी बना। जब ट्रायल कोर्ट ने तीन महीने की सजा दी थी, तब भी मैंने न्यायालय के फैसले का सम्मान किया था। बाद में अपील में धारा 506 जोड़कर दो साल की सजा दी गई।
मिश्रीलाल यादव ने कहा कि जिस केस में मुझे सजा दी गई, उसी केस में मेरे ऊपर जानलेवा हमला भी हुआ था। वो मामला भी उसी कोर्ट में चल रहा था, लेकिन दोनों केस साथ नहीं चलाए गए। मेरा केस पेंडिंग रखा गया और मुझे सजा दे दी गई। मुझे कानून पर भरोसा है। मैं हाईकोर्ट में अपील कर चुका हूं। उम्मीद है कि मैं सजा से मुक्त हो जाऊंगा।
मिश्री ने कहा कि मुझे झूठे केस में फंसाया गया। यह सब एक राजनीतिक साजिश के तहत हुआ। साजिशकर्ता कौन है, मैं नहीं जानता, लेकिन दरभंगा की जनता जानती है। मैं फिर से चुनाव लडूंगा और विधायक बनूंगा।
मिश्री लाल यादव समर्थकों से घिरे हुए
विधानसभा सदस्यता 20 जून को रद्द की गई थी
अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता 20 जून को रद्द कर दी गई है। बिहार विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी थी। दरभंगा स्थित विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए ने विधायक को दोषी ठहराते हुए 27 मई 2025 को सजा सुनाई थी। इसी आधार पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 और संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) के तहत उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई।
विशेष न्यायाधीश करुणानिधि प्रसाद आर्य की अदालत ने विधायक मिश्रीलाल यादव और केवटी प्रखंड के गोसाईं टोल पचाढी निवासी सुरेश यादव को दोषी करार दिया। दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत 2 साल की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया।
मारपीट का लगा था आरोप
मामला रैयाम थाना कांड संख्या 4/19 से जुड़ा है। समैला निवासी उमेश मिश्र ने 30 जनवरी 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि 29 जनवरी 2019 की सुबह 6 बजे वे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। जब वे गोसाईं टोल पहुंचे, तो पूर्व दिशा से आ रहे मिश्रीलाल यादव, सुरेश यादव और 20-25 अन्य लोग हथियारों से लैस होकर कदम चौक पर उन्हें घेर लिए।
गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर मिश्रीलाल यादव ने फरसा से सिर पर वार किया। सिर कट गया, खून बहने लगा। सुरेश यादव ने रॉड और लाठी से मारा और जेब से सामान निकाल लिया।
घायल उमेश मिश्र का इलाज पहले पीएचसी और फिर डीएमसीएच में हुआ। अनुसंधानकर्ता ने 12 अक्टूबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया। कोर्ट ने 17 अप्रैल 2020 को संज्ञान लिया। अभियोजन पक्ष की गवाही और बहस के बाद अदालत ने 27 मई फैसला सुनाया। विधायक मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव को दोषी मानते हुए सजा दी गई।

जेल बाहर निकल कर सड़क पर समर्थकों के संग
सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया
जेल से बाहर आते ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। फूल-मालाएं पहनाईं, गुलाल लगाया और नारे लगाए। कार्यकर्ताओं ने ‘देख लिया है तेरे जेल में कितना जगह है’, ‘मिश्रीलाल यादव मत घबराना, तेरे पीछे सारा जमाना’ जैसे नारे लगाए। ‘देखो-देखो कौन आया, शेर आया शेर आया’ के नारों से माहौल गूंज उठा।