Monday, November 3, 2025
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मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन का दूसरा दिन: मनोज जरांगे बोले- ये आखिरी लड़ाई, देर हुई तो 2 दिन बाद पानी भी नहीं पीऊंगा


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मुंबई1 घंटे पहले

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मनोज जरांगे ने बुधवार को जालना के अंतरासाठी गांव से मुंबई के लिए यात्रा शुरू की थी।

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। जरांगे जालना से बुधवार को मुंबई के लिए निकले थे। उन्होंने 29 अगस्त को मुंबई आजाद मैदान में अनशन शुरू किया। जरांगे ने घोषणा की कि जब तक समुदाय की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे पीछे नहीं हटेंगे।

मनोज ने चेतावनी दी कि हम अपना हक मांग रहे हैं, यह हमारी आखिरी लड़ाई है। अगर सरकार शिक्षा और नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर फैसला लेने में देरी करती है, तो वह अगले दो दिनों में पानी पीना बंद कर देंगे।

जरांगे की मांग है कि सभी मराठों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण के लिए ओबीसी के तहत कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर सैकड़ों समर्थकों ने शरण ली। कई प्रदर्शनकारियों ने अपनी गाड़ियों में रात बिताई।

आंदोलन के पहले दिन की तस्वीरें…

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के बाहर मौजूद मनोज जरांगे के समर्थक।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के बाहर मौजूद मनोज जरांगे के समर्थक।

प्रदर्शनकारी राशन, गैस सिलेंडर, खाना पकाने के बर्तन और बिस्तर साथ लाए हैं।

प्रदर्शनकारी राशन, गैस सिलेंडर, खाना पकाने के बर्तन और बिस्तर साथ लाए हैं।

मराठा आरक्षण आंदोलन पर किसने, क्या कहा…

  • मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस: हम मराठों के मुद्दों को हल करने के लिए सकारात्मक है, चाहे वे सामाजिक और वित्तीय प्रकृति के हों और राजनीतिक आरक्षण से जुड़े न हों। कैबिनेट उप-समिति जरांगे की मांगों पर चर्चा कर रही है और संवैधानिक ढांचे के तहत हल निकालेगी।
  • उपमुख्यमंत्री अजित पवार: सरकार ने राधा कृष्ण विखे पाटिल की अध्यक्षता में समिति बनाई है और उनके साथ चर्चा जारी है। मुझे विश्वास है कि बातचीत से समाधान अवश्य निकलेगा। महाराष्ट्र में, हमारा मानना ​​है कि हर समुदाय को न्याय मिलना चाहिए।

2023 से लेकर अबतक 7वां अनशन

29 अगस्त 2023 को जालना के अपने अंतरवाली साठी गांव में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पहली बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी। तब से यह उनका 7वां विरोध प्रदर्शन है।

जरांगे ने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले कई विरोध रैलियां और भूख हड़तालें की हैं। 20 फरवरी 2024 को एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठों को 50% की सीमा से ऊपर 10% आरक्षण देने के लिए एक विधेयक पेश किया।

इस साल जनवरी में भी राज्य सरकार की ओर से भाजपा विधायक सुरेश धास के हस्तक्षेप के बाद, जारंगे ने छठे दिन अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी थी।

हालांकि इससे पहले 5 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण देते समय 50% आरक्षण का उल्लंघन करने का कोई वैध आधार नहीं होने पर कॉलेजों, उच्च शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण को रद्द कर दिया था।

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