Last Updated:
RCB ने 18 साल बाद IPL ट्रॉफी जीती, जश्न में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ मची, 11 की मौत, दर्जनों घायल. बीटी लक्ष्मण का बेटा भी हादसे का शिकार.
बेंगलुरु हादसे में हासन जिले के बीटी लक्षमण के 21 साल के बेटे की मौत हो गई थी. वह अपने बेटे की कब्र से लिपट कर बेतहाश विलाप करते हुए दिखे हैं.
हाइलाइट्स
- बेंगलुरु हादसे की दिल को रुला देने वाली तस्वीर सामने आई है
- बेटे को खोने वाले पिता का वीडियो देख लोगों की आंखें हुईं नम
- भगदड़ में 11 लोगों की हो गई थी मौत, कई लोग गिरफ्तार
Bengaluru Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने इस बार की IPL ट्रॉफी अपने नाम की है. 18 साल के लंबे इंतजार के बाद RCB के हिस्से में यह खुशी आई. बेंगलुरु की जीत का जश्न मनाने के लिए स्थानीय चिन्नास्वामी स्टेडियम में विक्ट्री प्रोग्राम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में बड़ी तादाद में प्रशंसक जुट गए थे. इतनी बड़ी भीड़ को संभाल पाना स्थानीय पुलिस और प्रशासन के बस की बात नहीं थी और देखते ही देखते आरसीबी के प्रशंसकों की भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए. कर्नाटक के हासन जिले के रहने वाले बीटी लक्षमण का 21 साल के इकलौते बेटे भुमिक लक्षमण भी इस हादसे का शिकार हो गए और वे जिंदगी की जंग हार गए. अब बीटी लक्ष्मण का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें उनको बेटे की कब्र से लिपट कर बेतहाशा रोते हुए देखा जा सकता है. बेटे की मौत के गम में डूबे लक्षमण इस वीडियो में कह रहे हैं कि उन्हें अपने जिगर के टुकड़े की कब्र के पास ही रहने दिया जाए.
जिस बेटे के लिए खरीदी जमीन, उसी पर बनी कब्र
पोस्टमॉर्टम न कराने की मांग
इस त्रासदी के बाद लक्ष्मण ने सरकार से अपील की थी कि उनके बेटे का पोस्टमॉर्टम न किया जाए. लक्ष्मण ने कहा था, ‘मेरा एक ही बेटा था और अब मैं उसे खो चुका हूं. कृपया मुझे उसका शव दे दीजिए, पोस्टमॉर्टम न करवाइए और उसके शरीर को टुकड़ों में न काटिए. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हमसे (त्रासदी के पीड़ितों से) मिल सकते हैं, लेकिन वे उसे वापस नहीं ला सकते.’ इस बीच, कांग्रेस ने बार-बार भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है और कहा है कि कर्नाटक सरकार पीड़ितों के परिवारों की मदद करने और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि इस तरह की त्रासदी फिर न हो.