चित्तौड़गढ़ ज़िले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भगवान श्री सांवलिया सेठ के मंदिर में मंगलवार को दान पात्र खोले गए। हर महीने की तरह इस बार भी अमावस्या से पहले चतुर्दशी के शुभ दिन पर भंडार खोला गया। पहले ही दिन 10 करोड़ 25 लाख रुपयों की गिनती की गई है।
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दान पात्र को सुबह 11 बजे, मंदिर की राजभोग आरती के बाद खोला गया। इस मौके पर मंदिर मंडल की मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभा गौतम मौजूद रहीं। उनके निर्देशन में दान की गिनती शुरू की गई। मंदिर प्रशासन के अनुसार, दान की गिनती अभी जारी है और इसमें अभी कई चरण बाकी हैं।
अब तक जो राशि गिनी जा रही है, वह सिर्फ मंदिर परिसर में रखे गए दान पात्रों की है। भंडार के अलावा भेंट कक्ष में आए मनी ऑर्डर और बैंक ड्राफ्ट के रुपयों, ऑनलाइन से आए चढ़ावा राशि की ही काउंटिंग बाकी है। इसके अलावा सोने और चांदी के गहनों का तौल करना बाकी है। यह तौल आखरी दिन किया जाएगा। मंदिर समिति का अनुमान है कि इस बार गिनती में 4 से 5 दिन का समय लग सकता है।
दान की पारदर्शी गिनती के लिए मंदिर प्रशासन ने सख्त निगरानी व्यवस्था की है। इस मौके पर नायब तहसीलदार और मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी शिव शंकर पारीक, मंदिर के सभी कर्मचारी बैंक के कर्मचारी मौजूद रहे।
भगवान श्री सांवलिया सेठ का मंदिर मेवाड़ अंचल का प्रमुख कृष्णधाम है। यहां देशभर से श्रद्धालु दान देने और मन्नतें मांगने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां मांगी गई मुरादें जल्दी पूरी होती हैं। यही कारण है कि यहां दान की राशि हर साल बढ़ती जा रही है।25