“दुकान खुली नहीं थी, सिर्फ सामान समेट रहे थे। फिर भी चौकी इंचार्ज आलोक चौधरी और अभिषेक यादव ने गाली दी, धमकाया और मुझे मारा। महिला कॉन्स्टेबल ने भी थप्पड़ मारे। गाली दी। चौकी पुलिस एक साल से टारगेट कर रही है। कल रात मेरे साथ मारपीट की। पुलिस को क्या
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यह कहना है मिस गोरखपुर रहीं सिमरन गुप्ता का। दरअसल, सिमरन से सोमवार देर रात पुलिस ने बदसलूकी और मारपीट की। उन्होंने बताया कि महिला सिपाही ने थप्पड़ मारे और उनके साथ सिविल ड्रेस में आए पुरुष सिपाही ने दोनों हाथ पकड़कर मोबाइल छीन लिया।
प्राइवेट कार में जबरदस्ती बैठाने की कोशिश की। उनके एक स्टाफ को बैठा भी लिया। दबाव में लेकर उससे झूठे बयान दिलवाए। बता दें कि सिमरन ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से लखनऊ में चर्चित हैं। उनके साथ 9 तारीख की रात हुई घटना की असलियत जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने सिमरन से बातचीत की। पढ़िए रिपोर्ट…
पहले तस्वीरों में उस रात की घटना देखिए
काफी देर तक सुमिरन से बहस होती रही। पुलिस वाले उसका फोन छीनने में लगे थे। सिमरन ने बताया- सिविल ड्रेस में आए हट्टे-कट्टे सिपाही ने उसे जबरदस्ती पकड़कर फोन छीन लिया।

इस घटना को सिमरन का एम्पलाई रिकॉर्ड कर रहा था। सिपाही के फोन छीनकर जाने के बाद सिमरन के एम्पलाई को ड्रेस में आए पुलिस वाले थप्पड़ जड़ा और उसका भी फोन छीन लिया।

सिमरन के एम्पलाई को पुरुष और सिमरन को महिला सिपाही जबरदस्ती कार में बैठाने के लिए ले जाने लगे। सुमिरन ने इसका विरोध किया। सभी लोग प्राइवेट कार से आए थे।
अब सिमरन ने जो कहा… सुनिए
दुकान बंद थी, हम केवल बैठे थे
सिमरन ने बताया- घटना रात करीब पौने दो बजे की है। मैं अपनी दुकान बंद कर सामान समेट रही थी। दुकान के पास एक अन्य प्रतिष्ठान में रंगाई-पुताई का काम चल रहा था। वहीं पर मेरे आसपास के कुछ और साथी मौजूद थे। तभी सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी ब्लैक KIA कार से आए और बिना कुछ पूछे मारपीट शुरू कर दी।
पुलिसकर्मी निजी गाड़ी में आए
सिमरन ने दावा किया- पुलिसकर्मी निजी कार से आए थे। वो न तो ड्यूटी वाहन से आए और न ही उनके पास कोई पहचान पत्र या बैज था। महिला कॉन्स्टेबल ने भी नाम छिपा रखा था। उन्होंने मारपीट के बाद मोबाइल छीन लिया। जब मैं उन्हें CCTV के सामने ले जाने लगी तो मेरे साथ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

हमेशा समय पर दुकान बंद करती हूं
सिमरन ने बताया- मेरी दुकान रोजाना तय समय पर ही बंद होती है। दुकान खोलने और बंद करने का पूरा रिकॉर्ड है। बावजूद इसके पुलिसकर्मी लगातार अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। स्थानीय पुलिस एक अन्य चाय दुकानदार को संरक्षण देती है। उसी दुकानदार के कहने पर मुझे टारगेट किया जा रहा है। कहा- ‘मैं मेहनत करके अपने परिवार को संभालती हूं, लेकिन पुलिसकर्मी धमकी दे रहे हैं कि मुकदमा दर्ज कर देंगे और बर्बाद कर देंगे’।
गोरखपुर में कभी नहीं हुआ ऐसा
सिमरन ने बताया कि उन्होंने ‘मॉडल चाय वाली’ की शुरुआत 2022 में गोरखपुर से की थी। वहां कभी कोई परेशानी नहीं हुई। गोरखपुर में रात 2-3 बजे भी बाहर रहती थी, लेकिन कभी किसी ने आंख नहीं दिखाई। यहां राजधानी में पुलिस ही डराने लगी है। राजधानी की पुलिस बेवजह परेशान कर रही है।

मड़ियांव में सिमरन गुप्ता की दुकान मॉडल चाय वाली नाम से चाय की दुकान है।
अभी भी मिल रही हैं धमकियां
पीड़िता सुमिरन ने बताया कि घटना के बाद भी पुलिसकर्मी उनके परिवार को धमका रहे हैं। कहा जा रहा है कि मामला शांत न किया गया तो छह महीने बाद केस डाल देंगे। 1090 और 112 पर कॉल करने के बावजूद राहत नहीं मिली। अब पुलिस से भरोसा उठ गया है। महिला आयोग गई हूं। बस यही चाहती हूं कि मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा दी जाए।

अब मॉडल सिमरन के बारे में जानिए
मॉडलिंग में कदम रखने के बाद स्टार्टअप
सिमरन ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह मॉडलिंग में अपना करियर बनाने में जुट गईं। कई मॉडलिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया और 2018 में उन्होंने ‘मिस गोरखपुर’ का खिताब जीता। उसके बाद उन्होंने कई विज्ञापनों में भी वह नजर आईं। कोरोनाकाल में पिता की नौकरी चली गई।
उसके बाद सिमरन ने खुद बिजली विभाग में संविदा पर 5 महीने नौकरी की। सैलरी नहीं मिली। इससे परिवार पर आर्थिक संकट आने लगा तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी। MBA चायवाला प्रफुल्ल बिलोरे और पटना की ग्रेजुएट चाय वाली प्रियंका गुप्ता से प्रेरित होकर ‘मॉडल चाय वाली’ नाम से दुकान खोल ली।
सिमरन कहती हैं- अगर अब भी मॉडलिंग या एक्टिंग में काम मिलता है तो वह उसे ही प्रायोरिटी देंगी।
मॉडलिंग में ही करियर बनाना था, लेकिन…
सिमरन बताती हैं, ‘वह चाहती थीं कि मॉडलिंग में ही अपना करियर बनाकर परिवार को सपोर्ट करें। मगर, कंपटीशन के दौर में इतनी जल्दी मुकाम पाना मुमकिन नहीं लग रहा था। बड़े शहरों के इवेंट्स में हिस्सा लेने के लिए जाना और तमाम तरह की चुनौतियां का सामना करना पड़ा।”
“परिवार में अर्निंग का सोर्स पिता की प्राइवेट जॉब के अलावा अन्य कुछ नहीं था। जबकि जिम्मेदारियां काफी थीं। परिवार का खर्च, दिव्यांग भाई और मां का इलाज सहित बाकी चीजों को मैनेज करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद बिजनेस या स्टार्टअप को शुरू करने के लिए सिमरन के पास कोई फाइनेंशियल सपोर्ट नहीं था, तो वह ‘मॉडल चाय वाली’ बनकर सड़क पर उतर आई।’
2018 में सिमरन के सिर पर ‘मिस गोरखपुर’ का खिताब सजा था।
असली करियर मॉडलिंग को ही मानती हूं
सिमरन गर्व से कहती हैं, “कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता है। मैं परिवार की जरूरतों के लिए भले ही चाय बना रही हूं, लेकिन असली करियर मॉडलिंग को ही मानती हूं। कुछ विज्ञापन में भी मैंने किए हैं। सुमिरन से गोरखपुर में चाय का स्टॉल लगाने पर पूछा गया था कि क्या मायानगरी से कोई मॉडलिंग और फिल्म का ऑफर मिलेगा, तो जाएंगी? इस पर उन्होंने कहा था- जरूर जाऊंगी। क्योंकि चाय से घर का खर्च ही चल पा रहा है।
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