Tuesday, June 24, 2025
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युवती को सिर में गोली मारी, बोरे में भरकर फेंका: सुसाइड बताने रेलवे ट्रैक पर फेंकने की थी प्लानिंग, बीजेपी विधायक का पति शामिल – Madhya Pradesh News


मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में इस बार बात एक ऐसे जघन्य हत्याकांड की, जिसने प्रदेशभर में सनसनी फैला दी थी। एक युवती को सिर में गोली मारी गई, फिर उसका शव सुनसान जगह पर फेंक दिया गया। पुलिस की जांच में पता चला कि वो नेता भैया राजा की नातिन वसुंधरा बुंदेला

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भैया राजा के अपराधों की लंबी फेहरिस्त थी। उनकी पत्नी बीजेपी से विधायक थीं। 24 साल की युवती से भला किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है, क्या भैया राजा के दुश्मनों ने उसे अपना शिकार बनाया, क्या राजनीतिक रंजिश में उसकी जान गई या फिर उसकी मौत का कारण कुछ और ही था?

वसुंधरा बुंदेला की सिर में गोली मारकर हत्या की गई थी।

बोरे में मिली थी लाश 11 दिसंबर 2009 की बात है। पुलिस को मैसेज आया कि गुराड़ी घाट रतनपुर रोड रेलवे ट्रैक के पास बोरे में एक युवती की लाश मिली है। यह इलाका मिसरोद थाने के अंतर्गत आता है। युवती की गोली मारकर हत्या की गई थी।

मिसरोद थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर केस की छानबीन शुरू की।

हालांकि, घटनास्थल से कुछ गज की दूरी पर जीप के टायरों के निशान पुलिस को दिखे। पुलिस ने कड़ी जोड़ना शुरू किया कि शायद शव को किसी और जगह पर बोरे में बंद करके रखा गया था और फिर उसे ठिकाने लगाने के लिए यहां लाया गया होगा।

पुलिस ने इलाके के लोगों से बातचीत की, लेकिन लाश यहां किसने फेंकी इस बारे में कोई कुछ भी नहीं बता पाया। पुलिस ने शव की जांच की। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने अनुमान लगाया कि युवती की उम्र करीब 24 साल है, लेकिन ये किसकी लाश है इसकी पहचान के लिए कोई सबूत नहीं मिला था। महिला अधिकारियों ने युवती की जींस चेक करने की कोशिश की, लेकिन शव इतना फूल गया था कि जींस उसमें चिपक गई।

जेब में मिला बस का टिकट महिला पुलिसकर्मियों को जींस की पिछली जेब में कुछ मिला। काफी मशक्कत से उसे निकाला तो वो वॉल्वो बस का टिकट था। टिकट के पीछे मोबाइल नंबर लिखा था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस ने अनुमान लगाया कि जिस लड़की की बॉडी मिली है वो वसुंधरा है। पुलिस ने पहचान कर ली थी कि युवती कौन है और उसकी सहेली तक पहुंच गई थी, लेकिन हत्यारों के बारे में अब भी कुछ पता नहीं चल पाया था।

हत्यारों ने कोई सबूत नहीं छोड़ा था, लेकिन वसुंधरा की जींस से वो बस का टिकट निकालने से चूक गए।

पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि वसुंधरा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग की छात्रा थी। वो छतरपुर की रहने वाली थी। भोपाल में हॉस्टल में रहती थी।

वसुंधरा बुंदेला की सहेली ने पुलिस को बताया कि वसुंधरा के नानाजी भोपाल में रहते हैं। ये भी कहा कि इंदौर से लौटने के बाद भोपाल में वसुंधरा को उसके नानाजी की कार ने बस स्टॉप से उठाया था।

पुलिस की एक टीम अब भोपाल में वसुंधरा के नाना के घर यशोदा विहार पहुंचती है। घर खाली पड़ा था और घर का दरवाजा बाहर से बंद था। अधिकारियों ने दरवाजा तोड़ा और अंदर गए।

पुलिस को देखकर आस-पड़ोस के लोग भी बाहर जमा हो गए। लोगों ने पुलिस को बताया कि घर अशोक वीर विक्रम सिंह उर्फ भैया राजा का है। यहां पुलिस को पता चला कि भैया राजा पिछली रात अपने बेटे सहित कुछ लोगों के साथ घर में मौजूद था। सुबह-सुबह किसी से कुछ कहे बिना घर से चले गए।

कुख्यात अपराधी, जेल में रहकर लड़ा चुनाव भैया राजा के अपराधों की लंबी फेहरिस्त थी। उनका 1980-90 में छतरपुर-पन्ना जिले सहित पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र पर प्रभाव था। कहा जाता था कि भैया राजा ने घर में एक तालाब बनवाया था, जहां मगरमच्छों को पाला जाता था। उनके खिलाफ छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ सहित कई जगह के पुलिस थानों में केस दर्ज थे।

वो मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य (एमएलए) भी बन गए थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी।

उन्होंने 1990 में उस समय चुनाव लड़ा था जब उन पर केंद्रीय गृह मंत्री रहे बूटा सिंह के रिश्तेदार की हत्या का आरोप था और वे उस आरोप में नैनीताल की जेल में बंद थे।

बूटा सिंह के रिश्तेदार की हत्या का मामला तब के चर्चित व्यक्ति अकबर अहमद डंपी के फार्म हाउस से जुड़ा था, क्योंकि लाश उसी फार्म हाउस पर मिली थी। हालांकि वे उस अपराधिक मामले से दोषमुक्त हो गए थे। मगर जेल में रहते हुए उन्होंने पवई विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। भैया राजा का चुनाव चिन्ह हाथी था।

मोहर लगेगी हाथी पर, नहीं तो गोली लगेगी छाती पर उनका चुनाव प्रचार का नारा भी आतंक को बताता है। चुनाव में नारा था – मोहर लगेगी हाथी पर, नहीं तो गोली लगेगी छाती पर और लाश मिलेगी घाटी पर।

इसके बाद वे समाजवादी पार्टी से एक बार और विधायक बने, लेकिन 2003 में चुनाव हार गए। 2008 में उनकी पत्नी आशारानी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतीं।

बेटी का शव लेने पुलिस ने मां को बुलाया पुलिस की जांच में आगे पता चला कि वसुंधरा के पिता मृगेन्द्र सिंह बुंदेला हैं और मां का नाम भारती है। भैया राजा वसुंधरा के पिता मृगेंद्र सिंह के सगे मामा हैं। पुलिस ने वसुंधरा के घरवालों को घटना की जानकारी दी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। इस बीच वसुंधरा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई। रिपोर्ट से डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि वसुंधरा को रातभर अमानवीय यातनाएं दी गईं थीं। उसके बाद उसे सिर में गोली मारी गई। पुलिस ने मामले में जांच तेज कर दी और वसुंधरा के पिता मृगेंद्र सिंह और भैया राजा के बीच संबंधों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक टीम छतरपुर भेज दी।

वसुंधरा के शव का अंतिम संस्कार होना था। पुलिस ने फैसला लिया कि शव सिर्फ माता-पिता को दिया जाएगा, क्योंकि कुछ रिश्तेदार शव लेने पुलिस के पास पहुंचे थे। इस बीच पुलिस अफसरों के पास वसुंधरा की मां भारती सिंह का फोन आया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया कि वसुंधरा के पिता को हाल ही में एक एक्सीडेंट में पैर में चोट लग गई थी। इस वजह से वो यात्रा करने में समर्थ नहीं हैं। शव पुलिस अधिकारी से छतरपुर भिजवा दीजिए।

पुलिस अधिकारी ने वसुंधरा की मां से भोपाल आने का अनुरोध किया। बेटी की मौत के बाद से मां का बुरा हाल था। वो फोन पर फूट-फूट कर रोने लगी और अचानक फोन रख दिया।

भूपेंद्र घटना वाली रात यशोदा विहार स्थित घर में मौजूद था। बाद में पुलिस की टीम ड्राइवर भूपेंद्र और वसुंधरा की मां भारती सिंह को लेकर छतरपुर से भोपाल के लिए रवाना हो गई।

मां पुलिस से बोली – ड्राइवर को सब पता है भोपाल आने पर ड्राइवर भूपेंद्र को मिसरोद थाने भेज दिया गया और मां भारती सिंह से क्राइम ब्रांच में पुलिस अफसरों ने बातचीत की। जहां मां भारती सिंह बेटी को याद करते हुए फूट-फूट कर रोने लगी। उसने पुलिस को बताया कि पहले बेटी वसुंधरा को उसने जबलपुर भेजा था, बाद में भोपाल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग में उसका दाखिला कराया।

मां भारती ने पुलिस अफसरों से बातचीत के दौरान ड्राइवर भूपेंद्र पर शक जताया। कहा कि भूपेंद्र के पास बहुत सारी जानकारी है। अगर उससे सख्ती से पूछताछ होगी तो वह सब कुछ बता देगा। मां भारती ने पुलिस अफसरों से आग्रह किया कि वो उसे उस जगह ले जाएं जहां बेटी की लाश मिली थी। पुलिस पहले स्पॉट पर ले गई फिर वसुंधरा के शव के साथ मां को छतरपुर भेजा।

ड्राइवर बोला- रेलवे ट्रैक पर रखनी थी लाश पुलिस ने ड्राइवर भूपेंद्र से सख्ती से पूछताछ करनी शुरू की। शुरुआत में वो पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन बाद में वो टूट गया। उसने अपनी संलिप्तता कबूल कर ली। उसने गुराड़ी घाट रतनपुर रोड के पास मिसरोद इलाके में वसुंधरा के शव को ठिकाने लगाने की बात स्वीकार ली।

ड्राइवर भूपेंद्र ने पुलिस को बताया कि शुरुआती प्लान वसुंधरा की मौत को आत्महत्या के रूप में पेश करने का था और उसके शव को रेलवे ट्रैक पर रखना था, लेकिन उसे यह प्लान छोड़ना पड़ा, क्योंकि

ड्राइवर ने खुलासा किया कि वसुंधरा की हत्या भैया राजा के यशोदा विहार स्थित घर में गोली मारकर की गई थी।

पुलिस ने अब तक के सभी सबूतों को चरणबद्ध तरीके से जांचा। भैया राजा के यशोदा विहार स्थित घर की कई बार चेकिंग की। वहां भी दोबारा जांच की, जहां वसुंधरा का शव मिला था। पुलिस ने नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन में वसुंधरा के दोस्तों से भी पूछताछ की और उसकी सहेली को अलीगढ़ से भोपाल बुलाया। पुलिस सभी सबूतों को इकट्ठा करने में जुटी थी।

क्राइम फाइल्स के पार्ट 2 में जानिए इन सवालों के जवाब

– वसुंधरा की हत्या किसने की?

– वसुंधरा की हत्या का असली कारण क्या था?

– आत्महत्या की वह फाइल, जो इस हत्या से जुड़ गई?

– विधायक आशारानी सिंह क्यों आईं जांच के घेरे में?

– और अदालत ने इस केस में क्या फैसला किया?

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