बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार शनिवार को जमुई पहुंचे, जहां उन्होंने विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आरजेडी के पुराने नारे “भूरा बाल साफ करो”, जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर के बयानों औ
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‘भूरा बाल’ नारे पर तीखा हमला
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राजद और उनके नेता सामाजिक समरसता के पक्षधर नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद की राजनीति समाज को तोड़ने और जातीय तनाव बढ़ाने की रही है।“अब जब 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजद फिर अपनी पुरानी रणनीति पर लौट रही है,” उन्होंने कहा।
मंत्री ने बताया कि यह विवादित नारा उसी दिन दोहराया गया जब महागठबंधन ने बिहार बंद का आह्वान किया था। उन्होंने इसे समाज को तोड़ने की मानसिकता करार दिया और कहा,“बिहार की जनता अब समझदार है, वह तय करेगी कि उसे 2005 से पहले का जंगलराज चाहिए या नीतीश कुमार के 20 वर्षों वाला विकसित बिहार।”
निर्वाचन आयोग पर विपक्ष के आरोप बेतुके: श्रवण कुमार
विपक्ष द्वारा बार-बार निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने पर मंत्री ने पलटवार किया। उन्होंने कहा,“जब महागठबंधन चुनाव जीतता है, तब कोई सवाल नहीं उठाता। लेकिन जैसे ही एनडीए जीतती है, विपक्ष आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाने लगता है। यह दोहरा मापदंड है।”
उन्होंने निर्वाचन आयोग को एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था बताया और कहा कि विपक्ष जानबूझकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है।
प्रशांत किशोर पर भी साधा निशाना
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के “हम वोटकटवा हैं, सरकार बना देंगे” बयान पर भी मंत्री ने कटाक्ष किया।“बिहार में हर साल बाढ़ आती है, लेकिन ज्यादा दिन टिकती नहीं। प्रशांत किशोर भी उसी बाढ़ की तरह हैं, चुनाव के बाद उनकी दुकान बंद हो जाएगी,” उन्होंने कहा।
जनता तय करेगी अगला मुख्यमंत्री– श्रवण कुमार
मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा,“बिहार की जनता तय करेगी कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। लेकिन यह तय है कि आज भी नीतीश कुमार ही जनता की पहली पसंद हैं।”
उन्होंने दावा किया कि 20 वर्षों में बिहार में भाईचारा, विकास और शांति का माहौल बना है, जो नीतीश सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
अपराध पर सरकार की सख्ती
अपराध को लेकर विपक्ष के हमलों पर मंत्री ने कहा कि सरकार अपराध के हर मामले को गंभीरता से लेती है।“हम न किसी को फंसाते हैं, न बचाते हैं। नेताओं को बयान देने से पहले अपराध की प्रकृति को समझना चाहिए,” उन्होंने स्पष्ट किया।