सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया,
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सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म, ₹406 करोड़ के आवंटन और नए कार्यालयों के माध्यम से सैनिकों का विश्वास मजबूत कर रही है। राजस्थान सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘राष्ट्र प्रथम’ संकल्प से प्रेरित होकर सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया- सैनिक कल्याण विभाग ने 2024 में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा है। इसके तहत, युद्ध में घायल हुए सैनिकों को सैन्य सेवा के बाद राजस्थान सरकार में सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया जाएगा। यह सुविधा उनके परिवार के सदस्यों को भी मिल सकती है।

कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया कि सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म, ₹406 करोड़ के आवंटन और नए कार्यालयों के माध्यम से सैनिकों का विश्वास मजबूत कर रही है।
राठौड़ ने बताया- हाल ही में आयोजित वार्षिक सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में सैनिकों, पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं के कल्याण हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन निर्णयों में सैनिक कल्याण पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का शुभारंभ शामिल है, जिसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं और सहायता की जानकारी सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाना है। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन के अनुरूप है।
सैनिक कल्याण कार्यों के लिए कुल ₹406.46 करोड़ के आय-व्यय को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें सैनिक स्कूलों और रक्षा प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे सैनिकों के बच्चों के लिए वित्तीय सहायता और वीर पदक प्राप्त सैनिकों की सम्मान राशि में वृद्धि की अनुशंसा भी शामिल है।

राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया- सेवाओं को राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से राजगढ़ (चूरू) में एक नया सैनिक कल्याण कार्यालय खोलने को मंजूरी मिली है।
उन्होंने बताया- सेवाओं को राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने के उद्देश्य से राजगढ़ (चूरू) में एक नया सैनिक कल्याण कार्यालय खोलने को मंजूरी मिली है। इसके अतिरिक्त, जोधपुर के राईका बाग में एक एकीकृत सैनिक परिसर की स्थापना की प्रक्रिया को भी स्वीकृति दी गई है। इस वर्ष शिक्षा क्षेत्र में 201 पूर्व सैनिकों को नई जिम्मेदारियां सौंपने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जो राजस्थान के लिए गर्व का विषय है।
हर वर्दी एक साहस की कहानी कहती है और हर परिवार एक समर्पण की। राजस्थान सरकार के ये निर्णय सिर्फ नीति नहीं, बल्कि भावना हैं उस वादे की पूर्ति कि जो देश के लिए खड़े हैं, उनके लिए राज्य सदा खड़ा रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर और कृतज्ञ भारत के आह्वान से प्रेरित यह संकल्प ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को हर निर्णय में जीवंत रखता है।

