राजधानी में चालान न भरने वाले वाहन स्वामियों पर अब यातायात पुलिस सख्त एक्शन लेने जा रही है। लगातार चेतावनी के बावजूद जुर्माना न भरने की समस्या बढ़ती जा रही थी। ऐसे में पुलिस ने बड़े पैमाने पर वाहन सीज करने और ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिय
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10 महीनों में 12 लाख चालान, सिर्फ 23 हजार ने भरा जुर्माना
यातायात विभाग के अनुसार बीते दस महीनों में लखनऊ शहर में 12 लाख चालान किए गए, लेकिन इनमें से महज 23 हजार चालान ही जमा हुए हैं। बाकी वाहन मालिकों ने जुर्माना भरने में либо लापरवाही बरती है या कार्रवाई से बचने की कोशिश की। इसी वजह से पुलिस ने लापरवाह वाहन स्वामियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है।
यातायात पुलिस ने 654 ऐसे वाहनों को चिन्हित किया है जिन पर 11 से 50 चालान बकाया है। वहीं 10,648 वाहन ऐसे मिले हैं जिन पर एक से दस चालान लंबित हैं। इसमें दोपहिया और चारपहिया दोनों प्रकार के वाहन शामिल हैं।
ई-मेल के जरिए आरटीओ को भेजी पूरी सूची
वाहनों का नंबर, स्वामी का नाम, पता और मोबाइल नंबर सहित विस्तृत सूची तैयार कर आरटीओ को भेज दी गई है। आरटीओ को लाइसेंस और पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित ने बताया कि चालान भरने में वाहन स्वामी लगातार लापरवाही कर रहे हैं। इसलिए अब सख्त कार्रवाई अनिवार्य हो गई है।
जुर्माना चुकाए बिना वाहन नहीं छोड़े जाएंगे
यातायात पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जो वाहन सीज किए जाएंगे, उन्हें जुर्माना पूरा किए बिना रिलीज नहीं किया जाएगा। सभी चालान क्लियर करना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की राहत या छूट देने की संभावना नहीं है।
पिछले साल आरटीओ की ढिलाई फिर सामने आई
बीते वर्ष भी पुलिस ने लगभग 13 हजार वाहनों का डेटा आरटीओ को भेजकर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन आरटीओ ने इनमें से लगभग 2,300 ड्राइविंग लाइसेंस ही निलंबित किए। इस बार पुलिस उम्मीद कर रही है कि विभाग अपनी गति बढ़ाएगा ताकि कड़े नियमों का प्रभाव दिखाई दे और शहर में ट्रैफिक अनुशासन सुधरे।
ये नियम सबसे अधिक तोड़े गए
चालानों की समीक्षा में पाया गया है कि लखनऊ में सबसे अधिक उल्लंघन इन नियमों में हुआ है—
• बिना हेलमेट चलाना
• रॉन्ग साइड ड्राइविंग
• रेड लाइट जंप
• ओवरस्पीडिंग

