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Aircraft’s Crash Landing: एक हजार फीट की ऊंचाई पर प्लेन का इंजन बंद होने के बाद पुणे की लेडी पायलट भाविका राठौर को क्रैश लैंडिंग करानी पड़ी. इसके बाद…
हाइलाइट्स
- भविका ने पुणे के मुक्तांगन इंग्लिश स्कूल से की है पढ़ाई.
- भाविका ने अक्टूबर 2021 में बारामती के कार्वर एविएशन फ्लाइंग स्कूल में लिया एडमिश
- कमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल करने के लिए पूरे करते थे 200 घंटे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भविका ने पुणे के मुक्तांगन इंग्लिश स्कूल में पढ़ाई की. स्कूल के दिनों में एक पायलट के गेस्ट लेक्चर ने उनके मन में उड़ान का जुनून जगा दिया. 2019 में 12वीं पास करने के बाद उन्होंने अपने सपने को हकीकत में बदलने का फैसला किया. कोविड महामारी ने उनकी योजनाओं में रुकावट डाली, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं डगमगाई. भाविका ने अक्टूबर 2021 में बारामती के कार्वर एविएशन फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन ले लिया. कमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल करने के लिए उसे 200 घंटे की फ्लाइट और 6 थ्योरी पेपर पास करने थे. उसने मेहनत और लगन से 150 घंटे की उड़ान पूरी कर ली थी. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन उस दिन की फ्लाइट ने सब कुछ बदल दिया.
25 जुलाई 2022 को भविका एक रूटीन क्रॉस-कंट्री उड़ान के लिए सेसना-152 विमान में सवार हुईं. 15 नॉटिकल मील की उड़ान के बाद जब वे 1,000 फीट की ऊंचाई पर थीं, अचानक प्लेन का इंजन बंद हो गया. यह किसी भी पायलट के लिए सबसे डरावना पल होता है. वापस लौटने का कोई रास्ता नहीं था. लेकिन भविका ने हिम्मत नहीं हारी. उनकी ट्रेनिंग ने उस पल में उनका साथ दिया. भाविका के अनुसार, मैंने इंदापुर के कदबनवाड़ी गांव में एक नम जमीन का टुकड़ा देखा. मेरे प्रशिक्षकों ने बताया था कि ऐसी जगह क्रैश लैंडिंग के लिए सही होती है, क्योंकि यह घर्षण कम करती है. उन्होंने बताया कि उन डरावने पलों में जब हर सेकंड कीमती था, भविका ने सूझबूझ से काम लिया और प्लेन की सुरक्षित क्रैश-लैंडिंग करा दी.
भाविका के लिए यह क्रैश लैंडिंग किसी चमत्कार से कम नहीं थी. उन्हें सिर्फ मामूली खरोंच आईं. सबसे बड़ी बात यह थी कि प्लेन एक रिहायशी इलाके से महज 100 फीट दूर गिरा, लेकिन जमीन पर किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. हादसे ने भविका को झकझोर कर रख दिया. उन्होंने बताया कि मैं सदमे में थी. एविएशन की फील्ड में इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता. लेकिन मैं जिंदा थी, यह भगवान की कृपा थी. हादसे के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जांच शुरू की. तीन दिन की पूछताछ के बाद भविका को कूलिंग पीरियड में डाल दिया गया. यह वह समय होता है जब पायलट को फ्लाइंग से ब्रेक लेना पड़ता है. इस दौरान भविका का आत्मविश्वास डगमगा गया.
दो महीने बाद, भविका ने पायलट बनने का सपना छोड़ने का फैसला कर लिया. उन्होंने सोचा कि बीबीए करके अपने परिवार के बिजनेस में शामिल हो जाएंगी. लेकिन उनके परिवार और दोस्तों ने उन्हें हार मानने नहीं दिया. उन्होंने बताया मेरे माता-पिता और दोस्तों ने मुझे काउंसलिंग दी. उन्होंने मुझमें फिर से हिम्मत भरी और उड़ान छोड़ने की बात मेरे मन से निकाल दिया. हादसे के पांच महीने बाद, दिसंबर 2022 में भविका को करेक्टिव ट्रेनिंग के लिए नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिला. जनवरी 2023 में वह फिर से कार्वर एविएशन पहुंचीं. वही रनवे, वही गलियारे, जहां उनका सपना टूटा था, अब उन्हें फिर से बुला रहे थे. उन्होंने बताया कि वापसी आसान नहीं थी. हर टेक-ऑफ उस हादसे की याद दिलाता था. लेकिन भविका ने हार नहीं मानी. उनकी मेहनत और लगन रंग लाई.
…और आखिरकार पूरा हो गया भाविका का सपना
सितंबर 2023 में भाविका ने आधिकारिक तौर पर कमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल कर लिया. यह उनके लिए सिर्फ एक लाइसेंस नहीं, बल्कि उनकी हिम्मत और जज्बे की जीत थी. पिछले साल, भविका ने स्पेन में एयरबस 320 पर 45 दिन का टाइप रेटिंग कोर्स पूरा किया. अब वे एक एयरक्राफ्ट कैरियर में शामिल होने की तैयारी कर रही हैं. उनका अगला सपना है एयरबस A380 जैसे विशाल विमान को उड़ाना. भविका हर उस इंसान के लिए मिसाल हैं जो मुश्किलों से डरकर अपने सपनों को छोड़ देता है.

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to …और पढ़ें
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