Monday, November 3, 2025
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लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म गोल, जानें EPF और RD में कौन है बेहतर निवेश ऑप्शन


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EPF vs RD deposit 2025: भारतीय निवेशक अच्छा रिटर्न देने वाली योजनाओं के विषय में जानकारी के लिए अक्सर उत्सुक दिखते हैं. भारतीय निवेशक बचत के साथ-साथ निवेश के लिए भी तैयार रहते हैं. साथ ही नई-नई स्कीम्स में अपनी सहूलियत और जरूरतों के हिसाब से निवेश करते है.

अगर आप भी सेफ और बेहतर रिटर्न देने वाली किसी योजना में इंवेस्ट करना चाहते हैं तो, आपके लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और रिकरिंग डिपॉजिट (RD) एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं. हालांकि, दोनों ही स्कीम में समानताओं के साथ-साथ कुछ अंतर भी है. 

कर्मचारी भविष्य निधि

कर्मचारी भविष्य निधि नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बेहतर रिटायरमेंट प्लान की तरह काम करती है. इस योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्त, दोनों की तरफ से 12-12 प्रतिशत का योगदान दिया जाता है. इसके बाद सरकार इस राशि पर हर साल ब्याज देती है. मौजूदा साल में यह ब्याज लगभग 8.25 प्रतिशत है.

कर्मचारी के द्वारा जमा की गई मैच्योरिटी की पूरी राशि पर टैक्स छूट भी दी जाती हैं. लंबे समय तक किए गए निवेश के कारण ईपीएफ कई बार आरडी से बेहतर रिटर्न देता है. हालांकि, आप ईपीएफ से अपनी इच्छा के अनुसार निकासी नहीं कर सकते. कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे शादी, गंभीर बीमारी और बच्चों की शिक्षा के लिए ही आप ईपीएफ से पैसे निकाल सकते हैं. 

रिकरिंग डिपॉजिट

रिकरिंग डिपॉजिट ऐसे लोगों के लिए बेहतर है जो छोटी-छोटी राशियों में पैसों की बचत करते हैं और इस बचत पर अच्छा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं. आप बड़ी आसानी से बैंक या पोस्ट ऑफिस में आरडी खाता खुलवा सकते हैं. 6 महीने से लेकर 10 साक तक आप इसमें निवेश कर सकते हैं.

अगर आप चाहें तो इस अवधि को बढ़ा भी सकते है. आरडी में ब्याज दर 6 से 7.5 प्रतिशत के बीच होती है. इस निवेश से प्राप्त ब्याज पर टैक्स लगता है. साथ ही, बैंकों के ब्याज दरों में बदलाव भी हो सकता है. 

कुल मिलाकर अगर आप लंबे समय तक निवेश करने के लिए तैयार हैं तो, आपके लिए कर्मचारी भविष्य निधि और शॉर्ट टर्म के लिए आरडी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. हालांकि, किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय जरूर लें. अपनी जरूरतों के हिसाब से ही निवेश विकल्पों का चयन करें.

यह भी पढ़ें: सरकारी कर्मचारियों की हो गई बल्ले-बल्ले, रिटायरमेंट फंड मैनेज करना अब हुआ आसान



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