UPI Transactions In India: लोगों का डिजिटल पेमेंट की तरफ किस तरह तेजी के साथ रुझान बढ़ा है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सिर्फ मई के महीने में ही 18.68 बिलियन का ट्रांजेक्शन हुआ है. यह अप्रैल महीने के मुकाबले 4 प्रतिशत ज्यादा है. इससे पहले, अप्रैल में 17.89 बिलियन का ट्रांजेक्शन हुआ था. अगर इसे करेंसी के हिसाब से देखा जाए तो मई के महीने में यह 25.14 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन है, जो एक महीने पहले अप्रैल में 23.95 करोड़ रुपये था.
सालाना आधार पर 33 प्रतिशत का इजाफा
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले जहां यूपीआई पेमेंट में यह 33 प्रतिशत का इजाफा है तो वहीं अप्रैल की तुलना में करीब 14 फीसदी ज्यादा बढ़ा है. मई के महीने में औसतन रोजाना 602 मिलियन ट्रांजेक्शन हुआ है. इसका कुल मूल्य 81,106 करोड़ रुपये का है.
गौरतलब है कि देश में 2016 में शुरु हुए यूपीआई को खासकर नोटबंद की के बाद पॉपुलरिटी मिली है. एक तरफ जहां स्मार्टफोन तेजी से लोगों के पास पहुंचा है तो वहीं फोन पे, गूगल पे और पेटीएम जैसे एप ने डिजिटल भुगतान को और मजबूत किया है. ऐसे में डिजिटल भुगतान में यूपीआई ने तेजी के साथ अपना दायरा बढ़ाया है.
तेजी से बढ़ी यूपीआई की पॉपुलरिटी
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कुल ट्राजेक्शन 83.7 प्रतिशत का रहा है, जो एक साल पहले 79.7 प्रतिशत था. आरबीआई ने कहा कि अगले 2028-29 तक दुनिया के करीब 20 देशों में यूपीआई का दायरा बढ़ाएगी. पहले से ही भुटान, फ्रांस, नेपाल, मॉरिशस, सिंगापुर, श्रीलंका के साथ ही यूएई में भारतीय यूपीआई एप को क्यूआर कोड के जरिए स्वीकार किया जाता है. इससे भारतीय छात्र, पर्यटक और व्यवसायियों को यूपीआई एप के जरिए भुगतान करना काफा आसान हो चुका है.
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