Monday, December 1, 2025
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लोग बोले- फुटपाथ कहां है, पैदल कहां चलें, भष्ट्राचार हावी: लोहामंडी में 40 फीट सड़क पास, 16 फीट पर ही डामर, बाकी अतिक्रमण – Jaipur News



लोहामंडी में 100 फीट रोड पास है। इसमें सड़क के दोनों तरफ 40-40 फीट सड़क होनी चाहिए। लेकिन अतिक्रमण के कारण एक तरफ रोड सिर्फ 16 फीट और दूसरी लेन में 34 फीट ही मिला।

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वहीं हादसे के बाद लोग बोले- पैदल चलने वाला कहां चले। इन अधिकारियों के घर पर बीते तो उन्हें पता चले। लोगों का आरोप है कि सरकारी सिस्टम में भष्ट्राचार है। पुलिस 100 रुपए के लिए आरोपी को छोड़ देती है।

दैनिक भास्कर टीम ने घटनास्थल हरमाड़ा के लोहा मंडी पर रियलिटी चेक किया तो कई कमियां सामने आईं। जानलेवा डंपर जिस रोड से गुजरा, वहां सिर्फ 16 फीट पर ही डामर की सड़क बनी नजर आई। वहीं लोगों ने खुलकर आरोप लगाते हुए हकीकत बयां की।

40 फीट की जगह 34 और 16 फीट रोड लोहामंडी में तेज रफ्तार डंपर ने एक के बाद एक 17 गाड़ियों को टक्कर मार दी। हादसे में कई लोगों की मौत हो गई। किसी का पैर कट गया तो किसी का हाथ। हादसे में कई गंभीर घायल हैं l इस हादसे का जिम्मेदार डंपर चालक को बताया जा रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर जांच में हादसे के लिए कई जिम्मेदार नजर आएंगे।

दैनिक भास्कर टीम के रियलिटी चेक में हादसे की जगह पर दोनों साइड से सड़क को नाप कर देखा। एनएच48 से लोहा मंडी जाने वाली सड़क 34 फुट दिखी। वहीं दूसरी लेन लोहामंडी से एनएच48 को जोड़ने वाली सड़क महज 16 फीट ही थी। जबकि बाकी हिस्से पर स्थानीय व्यापारियों का अतिक्रमण दिखा।

लोगों ने गिनाए हादसे के 8 कारण

  • आधी रोड तक अतिक्रमण है
  • पुलिस की ओर से यहां कहीं भी नाकाबंदी नहीं की जा रही है
  • यहां जो रोड बन रही है, वह भी सही नहीं बन रही
  • ओवरलोड भारी वाहन बेधड़क दौड़ते रहते
  • हाईवे पर भी नो-पार्किंग में गाड़ियां खड़ी रहती हैं
  • यहां इतना ट्रैफिक होते हुए भी कोई रेड लाइट नहीं
  • पुलिस भी तैनात नहीं रहती
  • बजरी के डंपर आबादी में से बिना रोक-टोक के निकलते, इन पर कार्रवाई नहीं

आधी सड़क पर अतिक्रमण और गाड़ियां खड़ी रहती स्थानीय व्यापारी महेंद्र कुमावत ने बताया- लोहामंडी में 100 फीट रोड पास है। इसमें सड़क के दोनों तरफ 40-40 फीट सड़क होनी चाहिए। लेकिन एनएच48 से लोहा मंडी जाने वाली सड़क 34 फुट है। वहीं दूसरी लेन लोहामंडी से एनएच48 को जोड़ने वाली सड़क महज 16 फीट ही थी। सड़क पर कई जगह अतिक्रमण के साथ गाड़ियां खड़ी नजर आईं।

हादसे के बाद भी गुजर रहे ओवरलोड भारी वाहन हादसे के बाद भी यहां ओवरलोड भारी वाहन बेधड़क दौड़ते नजर आए। हालांकि इस दौरान स्थानीय लोगों ने हंगामा किया। वहीं एक ड्राइवर ने कहा- वह डंपर में ओवरलोड सामान ले जा रहा है। उसने बताया- वह हर बार इसी रोड से होकर एनएच48 तक पहुंचता है। वहीं स्थानीय लोगों ने भष्ट्राचार को इसकी वजह बताया।

फुटपाथ कहां है, पैदल वाला कहां चले… स्थानीय निवासी सांवर लाल ने कहा- यहां फुटपाथ कहां है। पैदल चलने वाला कहां चले। यह 40 फीट की सड़क है। किसी अधिकारी को दिखा दो, नाप कर दिखा दो। हादसे में पैदल चलने वाले व्यक्ति मरे हैं। जिनका आदमी मरा है, उनको पता है। इन अधिकारियों के घर पर बीते तो पता चले।

लोग बोले- ट्रक ड्राइवर खुलेआम पीते शराब स्थानीय निवासी विक्रम सिंह बोले- यहां आए दिन क्राइम होता है। बैनाड़ से लेकर लोहामंडी तक ट्रक ड्राइवर हमेशा शराब पीते रहते हैं। वहां पुलिस की पीसीआर गाड़ी जाती है। दो-चार को डांटते हैं और दो-चार से उगाई करते हैं।

विक्रम ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों का उगाई करने का टारगेट है। पुलिस वालों का रोज का काम है। दो-चार को पकड़ते हैं, जिनके पास पैसे नहीं हैं, उन्हें डांट कर छोड़ देते हैं, नहीं तो उगाई करते हैं।

रोड बन रही है, वह भी सही नहीं है स्थानीय निवासी भंवरलाल ने बताया- यहां हादसे का सबसे बड़ा कारण भष्ट्राचार है। सरकारी सिस्टम में भष्ट्राचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस 100 रुपए के लिए आरोपी को छोड़ देती है। यहां जो रोड बन रही है, वह भी सही नहीं बन रही। उस पर अतिक्रमण है।

सरकार नहीं निकाल पाई समाधान स्थानीय निवासी ओमप्रकाश ने बताया- हाईवे पर भी नो-पार्किंग में गाड़ियां खड़ी रहती हैं, जो हादसे का कारण रहता है। वहीं सरना डूंगर, लोहामंडी, माचड़ा और नींदड़ को जोड़ने वाला यह मुख्य मार्ग है, जो सीकर रोड से जोड़ता है। लेकिन कोई गाड़ी सीकर रोड से लोहामंडी आना चाहे तो उसे रॉन्ग साइड से आना पड़ता है। सरकार अब तक भी इसका समाधान नहीं निकाल पाई।

50 से ज्यादा अवैध बजरी के स्टॉक बने हुए स्थानीय व्यापारी आलोक कुलदीप ने बताया- यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। पिछले दिनों एक टैंकर ने एक लड़के को कुचल दिया था। यहां इतना ट्रैफिक है, लेकिन कोई रेड लाइट नहीं है। यहां पुलिस भी तैनात नहीं रहती। कहने को लोहामंडी चौराहे पर पीसीआर खड़ी रहती है। लेकिन सख्ती कुछ नहीं।

कुलदीप ने कहा- यहां अवैध बजरी के 50 से ज्यादा स्टॉक बने हुए हैं। यहां दिन-रात बजरी माफियाओं की गाड़ी चलती हैं। यहां बजरी के डंपर आबादी में से बिना रोक-टोक के निकलते हैं। इन अवैध बजरी के स्टॉक पर कार्रवाई नहीं होती।



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