वन विभाग: वाटर हॉल पद्धति से वन्य जीव गणना, 12 फीसदी बढ़े, नील गाय दुगुनी तो चिंकारा और मोर की संख्या में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी – Barmer News

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वन विभाग:  वाटर हॉल पद्धति से वन्य जीव गणना, 12 फीसदी बढ़े, नील गाय दुगुनी तो चिंकारा और मोर की संख्या में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी – Barmer News



वन्य जीव गणना में वाटर प्वाइंट के पास दिखे हरिणों की तस्वीर।

वन विभाग ने वाटर हॉल पद्धति से वन्य जीवों की गणना की। इस बार पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी वन्य जीवों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल 6423 के मुकाबले इस बार 7134 वन्य जीव व पक्षी प्यास बुझाने वाटर प्वाइंट तक पहुंचे।

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धोरीमन्ना रेंज के झाखरड़ा में पहली बार 9 छोटा बिज्जू (स्मॉल इंडियन सिवेट्स) देखे गए हैं। मान्यता के अनुसार सिवेट को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसे दुर्लभ प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसकी आबादी बहुत कम है। शिव रेंज के मानसरोवर वाटर प्वाइंट, सुंदरा व जूनापतरासर में 12 सफेद गिद्ध (इजिप्शियन वल्चर) देखे गए हैं। आंकड़ों में सबसे अधिक नीलगाय में 93.26 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। 2024 की गणना में 668 नीलगाय देखी गई थीं लेकिन इस बार 1618 नीलगाय नजर आईं। सिवाना वन रेंज के सेवाली नाड़ी के पास 19 काले हिरण मिले, जो पिछले साल के मुकाबले 2 अधिक हैं।

राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या 5 फीसदी बढ़ी है। पिछले साल 2848 की तुलना में इस साल 2990 मोर देखे गए हैं। चिंकारा की संख्या पिछले साल 1548 थी लेकिन इस बार 4.52 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 1618 पाई गई है। शिव में 3 ईगल तथा वन क्षेत्रों में 12 कछुए नजर आए।

ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात में की गई वन्य जीवों की गणना

वन विभाग की ओर से वैशाख पूर्णिमा को बारिश होने के चलते इस साल एक महीने बाद ज्येष्ठ पूर्णिमा को वाटर हॉल पद्धति से वन्य जीवों की गणना करवाई गई। बाड़मेर व बालोतरा की 8 रेंज में 35 वाटर प्वाइंट पर 105 कार्मिकों की ओर से बायनोक्युलर, कैमरे व मोबाइल से सुबह 8 बजे से दूसरे दिन 8 बजे तक गणना में कई रंग-बिरंगे वन्य जीव व पक्षी नजर आए। लगातार 24 घंटे तक वनकर्मियों ने वाटर प्वाइंट के पास पेड़ों पर मचान बनाकर वन्य जीवों की गणना की।

2024 के मुकाबले 2025 की गणना में सुखद आंकड़े

गणना में 18 गीदड़, 4 जरख, 29 मरु बिल्ली, 171 कैटल इग्रेट, 5 बिल्ली, 56 मरु लोमड़ी, 4 भेड़िया, 9 छोटा बिज्जू (सिवेट), 19 काले हिरण देखे गए हैं। वहीं नीलगाय 1291, चिंकारा 1618, सेही 81, गोह 12, खरगोश 51, लंगूर 12 पाए गए। पक्षियों में राष्ट्रीय पक्षी मोर 2990 मिले हैं। इनमें 1210 नर, 1472 मादा, 305 बच्चे तथा 3 की पहचान नहीं हो सकी। सफेद गिद्ध 12 (इजिप्शियन वल्चर), गिद्ध 5, हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध 11, तीतर 177, बगुला 37, बया 32, टिटहरी 256, सैंड ग्राउज 114, कूट 9, साण्डा 68, कछुआ 12, दोमुंही 4, पाडा गोह 8, ईगल 3, स्केल्ड वाइपर 13 सहित कुल 1734 वन्य जीव व पक्षी वाटर प्वाइंट पर प्यास बुझाने पहुंचे।

“ज्येष्ठ पूर्णिमा को वन्य जीव गणना हुई। इस बार संख्या में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। इसमें सटीक आंकड़े नहीं आते लेकिन अनुमान लगाया जाता है। कई बार पानी पीने वन्य जीव नहीं भी आते। जीवों की संख्या प्राकृतिक कारणों से घटती-बढ़ती रहती है।”

– सविता दहिया, डीएफओ बाड़मेर।



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