4 घंटे पहले
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यूक्रेन की खुफिया एजेंसी (HUR) ने शुक्रवार को रूस की राजधानी मॉस्को के पास 400 किमी लंबी फ्यूल पाइपलाइन पर हमला किया। इस पाइपलाइन का नाम रिंग है।
इस हमले से रूसी सेना को पेट्रोल, डीजल और हवाई जहाज के फ्लूय की सप्लाई रुक गई है। हमले में मॉस्को के दक्षिण-पूर्व इलाके में तीनों मुख्य लाइनें एक साथ तबाह हो गईं।
वहां ड्रोन्स को रोकने का सिस्टम और हथियारबंद गार्ड तैनात थे, लेकिन सब नाकाम रहा। अब पाइपलाइन पूरी तरह बंद है और रूसी सेना को ईंधन नहीं मिल रहा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पाइपलाइन हर साल 30 लाख टन जेट ईंधन और लाखों टन पेट्रोल-डीजल ले जाती थी। इस नुकसान से रूस की सेना और मॉस्को की अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा है।
HUR के प्रमुख किरिलो बुडानोव ने कहा कि उनके सीधे हमले दुनिया के सभी आर्थिक प्रतिबंधों से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं।
यह हमला रात भर चले यूक्रेनी ड्रोन हमलों का हिस्सा था। रूस की सेना ने दावा किया कि उसने 10 इलाकों में 98 ड्रोन मार गिराए। मॉस्को के करीब झुकोवस्की शहर में रातभर बिजली गुल रही। तुला शहर में ड्रोन के टुकड़े सड़कों पर गिरे और ट्रैफिक रोक दिया गया।
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अमेरिकी खुफिया निदेशक बोलीं- हम हमेशा दूसरे देशों की सरकारें गिराने में दखल देते रहे

अमेरिका की खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने बहरीन में एक बड़े सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि अब अमेरिका किसी दूसरे देश की सरकार नहीं गिराएगा और न ही वहां अपना शासन सिस्टम थोपेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में यही नीति रहेगी।
उन्होंने कहा कि पहले अमेरिका दूसरे देशों में लोकतंत्र लाने की कोशिश करता था लेकिन अब सिर्फ व्यापार बढ़ाने और शांति बनाए रखने पर ध्यान देगा।
गबार्ड ने बताया कि पुरानी नीति से बहुत सारा पैसा बर्बाद हुआ, कई लोग मारे गए और दुश्मन भी बढ़ गए। इसलिए अब यह सब पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि ट्रम्प ने गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्ध रुकवाया। ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी बम गिराकर सिर्फ बारह दिन में युद्ध खत्म करवाया। सीरिया के नए अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा को भी मान्यता दे दी, जो पहले अल-कायदा में थे और अमेरिकी जेल में बंद थे।
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नेपाल में प्लेन का हाइड्रॉलिक सिस्टम खराब, इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी

नेपाल में धनगढ़ी से काठमांडू जा रही श्री एयरलाइंस की फ्लाइट में हाइड्रॉलिक सिस्टम खराब हो गया। दिक्कत का पता चलते ही पायलट ने भैरहवा के गौतम बुद्ध एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कर ली।
जहाज में कुल 82 लोग सवार थे जिनमें यात्री और क्रू शामिल थे। लैंडिंग के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और कोई घायल नहीं हुआ।
जहाज रनवे पर खड़ा रहा जिससे हवाई अड्डा करीब चालीस मिनट तक बंद रहा। एयरलाइंस के इंजीनियर अब जहाज की पूरी जांच करेंगे और उसके बाद ही आगे उड़ान का फैसला होगा।
यात्रियों को काठमांडू वापस लाने के लिए दूसरा जहाज भैरहवा भेजा गया। श्री एयरलाइंस ने अभी तक तक कोई बयान जारी नहीं किया।
इससे पहले 16 अप्रैल को सीता एयरलाइंस की एक फ्लाइट में भी हाइड्रॉलिक फेल होने से काठमांडू में इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी।
अमेरिकी सांसदों ने ट्रम्प से H-1B वीजा सख्ती हटाने की अपील की; कहा- भारतीयों ने अमेरिका को AI में आगे रखा

अमेरिकी सांसदों के एक दल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से H-1B वीजा को लेकर लागू की गई सख्ती हटाने की अपील की है। कांग्रेस सदस्यों जिमी पैनटा, एमी बेरा, सलूद कारबाजाल और जूली जॉनसन ने इसके लिए ट्रम्प को एक पत्र लिखा है।
सांसदों ने चेताया है कि नई नीति न केवल अमेरिका की तकनीकी बढ़त को नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि भारत के साथ रिश्तों पर भी असर डाल सकती है।
सांसदों ने कहा कि अमेरिका की कई बड़ी टेक कंपनियां ऐसे लोगों ने बनाई या चलाई हैं, जो कभी H-1B वीजा पर आए थे। भारतीय मूल के H-1B धारक अमेरिका को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी में आगे रखते हैं।
नई नीति के तहत H-1B वीजा के लिए 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) फीस तय की गई है। विदेशी छात्रों की संख्या 15% तक सीमित करने का प्रस्ताव भी इसमें शामिल है। सांसदों का कहना है कि इससे अमेरिका का ‘इनोवेशन इकोसिस्टम’ कमजोर होगा।
अमेरिकी वीजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में, कुल H-1B वीजा में से 71% भारतीयों को मिले। चीन दूसरे स्थान पर रहा।
सांसदों ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अहम साझेदार बताया और कहा कि H-1B वीजा सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि भविष्य की तकनीकी शक्ति और रणनीतिक संबंधों से जुड़ा कार्यक्रम है।
जिमी पैनटा ने कहा, “H-1B वीजा कार्यक्रम ने अमेरिका की तकनीकी बढ़त में अहम भूमिका निभाई है; खासकर AI युग में इसकी जरूरत और बढ़ गई है। इसे और सशक्त किया जाना चाहिए।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले- हिंदू पत्नी के धर्म परिवर्तन का कोई प्लान नहीं

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पत्नी के धर्म परिवर्तन वाले बयान पर सफाई दी है। उन्होंने X पर कहा कि पत्नी उषा न तो क्रिश्चियन हैं और न ही धर्म परिवर्तन करने की सोच रही हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर हो रही टिप्पणियों को घिनौना बताया।
विवाद तब बढ़ा जब एक कार्यक्रम में वेंस ने कहा था कि उन्हें अच्छा लगेगा अगर भारतीय मूल की, हिंदू परिवार में पली-बढ़ी उनकी पत्नी किसी दिन क्रिश्चियन धर्म अपना लें। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पत्नी उनके साथ चर्च जाती हैं और उनके बच्चे क्रिश्चियन धर्म में पले-बढ़ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनकी आलोचना की। एक पोस्ट में लिखा गया, “सिर्फ कुछ लोगों को खुश करने के लिए अपनी पत्नी के धर्म को इस तरह सार्वजनिक तौर पर नीचा दिखाना अजीब है।”
वेंस ने इसका जवाब देते हुए तीन बातें लिखीं;
1. सवाल एक इंटरफेथ (दो अलग धर्म) शादी को लेकर था। वे सार्वजनिक शख्सियत हैं, इसलिए सवाल टाल नहीं सकते।
2. उन्होंने कहा कि उन्हें क्रिश्चियन धर्म से भरोसा मिला है और उनकी पत्नी ने ही उन्हें सालों पहले फिर से धर्म की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया था।
3. मेरी पत्नी क्रिश्चियन नहीं हैं और न धर्म बदलने की कोई योजना है। लेकिन जैसे किसी भी इंटरफेथ शादी में होता है, मुझे उम्मीद है कि एक दिन वह मेरे नजरिए को समझें।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर की गई आलोचना एंटी-क्रिश्चियन मानसिकता है। वेंस ने कहा कि हर धर्म के लोगों को अपने विश्वास को शेयर करने का अधिकार होता है। इसमें गलत क्या है?
अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ मिनरल डील पर बातचीत शुरू की, रेयर अर्थ पर चीन के दबदबे को कम करना मकसद

रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन के दबदबे को चुनौती देने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान का रुख किया है। अमेरिकी सरकार समर्थित क्रिटिकल मिनरल्स फोरम (CMF) की उच्चस्तरीय टीम शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंची। टीम ने वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब और बाकी सीनियर अधिकारियों के साथ सहयोग पर चर्चा की।
अमेरिका के मुताबिक अहम मिनरल जैसे कॉपर, लिथियम, एंटिमनी और रेयर अर्थ की खोज और रिफाइनिंग पर चीन का वर्चस्व लगातार बढ़ रहा है।
CMF प्रमुख रॉबर्ट लुइस स्ट्रेयर ने कहा कि यह स्थिति अमेरिकी प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए चुनौती है। चीन सरकारी सब्सिडी, सस्ती प्रोसेसिंग और कमजोर नियमों की वजह से वैश्विक सप्लाई चेन पर लगभग एकाधिकार बनाए हुए है।
अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान के पास बड़ी मिनरल क्षमता, वैज्ञानिक टैलेंट और उभरता बाजार है, जो भविष्य में मिनरल हब बन सकता है। अमेरिकी दूतावास की अधिकारी नैटली बेकर ने कहा, “अमेरिकी कंपनियां पाकिस्तान में निवेश को लेकर उत्साहित हैं, बशर्ते निवेशकों का भरोसा और सुरक्षा बनी रहे।”
तंजानिया में चुनाव के बाद हिंसा भड़कने से सैकड़ों मौत की आशंका, विपक्ष का दावा- तीन दिन में 700 मरे

तंजानिया में आम चुनाव के बाद भड़की हिंसा में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है। मुख्य विपक्षी पार्टी चाडेमा (CHADEMA) का दावा है कि तीन दिनों में करीब 700 लोग मारे गए। BBC से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कम से कम 500 मौतों की पुष्टि के सबूत मिले हैं।
देश में बड़ी संख्या में युवा चुनावी नतीजों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने लोकतंत्र को कमजोर किया है। एक प्रमुख विपक्षी नेता जेल में हैं और दूसरे को तकनीकी आधार पर चुनाव से बाहर किया गया।
राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन और उनकी पार्टी CCM (चामा चा मापिंडुज़ी) की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
राजधानी दार-ए-सलाम में लोग शुक्रवार को भी सड़कों पर उतर आए। विदेश मंत्री महमूद कॉम्बो थाबित ने कहा कि हिंसा ‘कुछ इलाकों तक सीमित’ है और पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया है।
उन्होंने इंटरनेट बंद करने को दंगे रोकने और जान बचाने के लिए जरूरी बताया।
अमेरिका के न्यू मैक्सिको की ऑयल रिफाइनरी में धमाका, तीन घायल

अमेरिका के न्यू मैक्सिको राज्य के आर्टेसिया शहर में स्थानीय समयानुसार शुक्रवार को एक ऑयल रिफाइनरी में जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद रिफाइनरी से घना काला धुआं उठने लगा, जो शहर के कई हिस्सों में फैल गया। राहत की बात यह रही कि आग पर कुछ ही घंटों में काबू पा लिया गया।
इस हादसे में तीन लोग घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। रिफाइनरी संचालित करने वाली कंपनी HF Sinclair ने बताया कि आग बुझा दी गई है।
कंपनी की प्रवक्ता कोरिन स्मिथ ने कहा कि रिफाइनरी परिसर और आसपास की हवा की गुणवत्ता की जांच की गई है तथा जनता की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं पाया गया।
आर्टेसिया पुलिस कमांडर पीट किनोन्स ने बताया कि पुलिस और इमरजेंसी टीमें सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचीं और आग को फैलने से रोकने में सफल रहीं। शुक्रवार दोपहर तक धुआं काफी कम हो गया और बंद किए गए रास्तों को फिर से खोल दिया गया।
न्यू मैक्सिको एनवायरनमेंट डिपार्टमेंट ने कहा है कि उनकी टीमें शहर पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण करेंगी। साथ ही हवा की गुणवत्ता की निगरानी करेंगी।
यह रिफाइनरी आर्टेसिया के मुख्य जंक्शन के पास स्थित है और पर्मियन बेसिन से आने वाले कच्चे तेल का प्रोसेस करती है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, रिफाइनरी की क्षमता 1 लाख बैरल तेल प्रतिदिन है। यह न्यू मैक्सिको की सबसे बड़ी रिफाइनरी मानी जाती है।
अमेरिका में ट्रांसजेंडर सैनिकों पर नई नीति, सेना में बने रहना मुश्किल

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने ट्रांसजेंडर सैनिकों को लेकर नई नीति लागू की है। इस नीति के तहत, पहले से प्रतिबंधित ट्रांसजेंडर सैनिकों के लिए सेना में अपनी सेवा जारी रखना और भी कठिन हो जाएगा।
समाचार एजेंसी AP के मुताबिक, 8 अक्टूबर को जारी एक मेमो में कहा गया है कि यदि सैन्य सेपरेशन बोर्ड किसी ट्रांसजेंडर सैनिक को सेना में बने रहने की अनुमति देता है, तो अब संबंधित कमांडर उस निर्णय को बदल सकते हैं। इससे पहले ये बोर्ड स्वतंत्र रूप से निर्णय लेते थे और कमांडर हस्तक्षेप नहीं कर सकते थे।
नई नीति में यह भी कहा गया है कि ऐसे सैनिकों को सेपरेशन बोर्ड के समक्ष अपने जन्म के समय तय किए गए जेंडर के अनुसार यूनिफॉर्म पहनकर उपस्थित होना होगा। यदि कोई सैनिक ऐसा करने में असमर्थ होता है, तो उसकी अनुपस्थिति को भी उसके खिलाफ माना जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई ट्रांसजेंडर सैनिकों के पास अब ऐसे यूनिफॉर्म उपलब्ध नहीं हैं, जिससे इस शर्त को पूरा करना लगभग असंभव हो जाएगा।
ट्रम्प प्रशासन ने इस नीति को सेना को अधिक प्रभावी और सक्षम बनाने की दिशा में उठाया गया कदम’ बताया है। हालांकि, इस निर्णय को कई अदालतों में चुनौती दी गई है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मई में फैसला दिया था कि मुकदमे लंबित रहने के बावजूद यह प्रतिबंध लागू रहेगा।
अमेरिकी FDA ने बच्चों के दांत मजबूत करने वाले सप्लीमेंट पर रोक लगाई, इससे स्वास्थ्य को खतरा

अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने बच्चों के दांत मजबूत करने के लिए दिए जाने वाले फ्लोराइड सप्लीमेंट्स को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब 3 साल से कम उम्र के बच्चों को यह सप्लीमेंट देने पर रोक होगी।
3 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी यह दवा तभी दी जा सकेगी जब दांत खराब होने का गंभीर खतरा हो। पहले ये दवाइयां 6 महीने के बच्चों को भी दी जाती थीं। हालांकि, FDA ने बाजार से इन दवाओं को हटाने का आदेश नहीं दिया है, लेकिन चार फार्मा कंपनियों को चेतावनी पत्र भेजकर कहा है कि वे इन्हें पुराने नियमों के तहत न बेचें।
इन टैबलेट और लोजेंज का इस्तेमाल खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में होता था, जहां पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा बहुत कम होती है। कुछ कंपनियां शिशुओं के लिए फ्लोराइड ड्रॉप भी बनाती हैं।
शुक्रवार को जारी एक वैज्ञानिक रिपोर्ट में FDA ने कहा कि फ्लोराइड सप्लीमेंट से बच्चों के दांतों को सीमित लाभ होता है, जबकि इसके साथ आंतों की समस्या, वजन बढ़ना और दिमाग से जुड़े जोखिम देखे गए हैं।
एजेंसी ने कहा,
जैसे फ्लोराइड दांतों पर बैक्टीरिया को खत्म करता है, वैसे ही यह आंतों के माइक्रोबायोम को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य खतरे पैदा हो सकते हैं।

FDA ने सभी दंत चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को इसके संभावित खतरे की चेतावनी वाला लेटर भी भेजा है।
दूसरी तरफ, अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (ADA) ने FDA के दावों से असहमति जताते हुए कहा कि निर्धारित मात्रा में फ्लोराइड का इस्तेमाल सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि इससे अधिकतम असर दांतों पर हल्के धब्बों के रूप में दिख सकता है, लेकिन कोई गंभीर खतरा नहीं होता।
कई दंत विशेषज्ञों का मानना है कि सप्लीमेंट पर रोक से ग्रामीण इलाकों में बच्चों के दांतों की समस्याएं बढ़ सकती हैं, क्योंकि वहां पीने के पानी में फ्लोराइड की कमी रहती है।
वहीं, अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. केनेडी जूनियर पहले से ही फ्लोराइड को खतरनाक बता चुके हैं। उनका कहना है कि यह एक न्यूरोटॉक्सिन है और कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है। वे अमेरिका में पीने के पानी में फ्लोराइड मिलाने की प्रथा खत्म करने की वकालत करते हैं।
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31 अक्टूबर के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें…

