विदिशा जिले की कृषि उपज मंडियों में भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी आज से शुरू हो गई है। सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज लेकर मंडियों में पहुंचे। हालांकि, कई किसान योजना की प्रक्रिया को लेकर असमंजस में दिखे।
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मंडियों में नीलामी के दौरान सहायक निरीक्षक किसानों की उपज की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं। मंडी अधिकारियों के अनुसार, भावांतर योजना के तहत खरीदी समर्थन मूल्य की तरह ही की जा रही है।
गुणवत्ता जांच और नीलामी प्रक्रिया मंडियों में नीलामी के दौरान सहायक निरीक्षक किसानों की उपज की गुणवत्ता जांच रहे हैं।अधिकारियों के अनुसार, खरीदी समर्थन मूल्य की तरह ही की जा रही है।यदि उपज में अधिक नमी या कचरा पाया गया, तो किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
नमी और सफाई का ध्यान रखें कृषि उपज मंडी विदिशा की सचिव नीलकमल वैद्य ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी उपज साफ-सुथरी और अच्छी तरह सुखाकर लाएं।सोयाबीन में अधिकतम 12 प्रतिशत नमी ही स्वीकार की जाएगी। 24 अक्टूबर से 15 जनवरी तक विदिशा, गंजबासौदा, सिरोंज, शमशाबाद, लटेरी, कुरवाई, गुलाबगंज, बागरोद और आनंदपुर में खरीदी होगी।
इनके अलावा अन्य स्थानों पर बेची गई उपज पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
खरीदी के 14 दिन बाद, 7 नवंबर को मॉडल रेट जारी किया जाएगा। इसके बाद किसानों को मंडी में मिली कीमत और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि सीधे बैंक खाते में जमा की जाएगी। मंडी अधिकारियों ने सलाह दी है कि किसान व्यापारी से नकद भुगतान न लें।भावांतर योजना के पंजीकरण वाले बैंक खाते में ही ऑनलाइन भुगतान प्राप्त करें,क्योंकि नकद भुगतान लेने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

