Monday, November 3, 2025
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सब इंस्पेक्टर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द: जज ने माना-विशेष न्यायाधीश ने बिना न्यायिक विवेक के मशीनरी ढंग से आदेश पारित किया – Gwalior News


ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने एक सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर लगाई गई याचिका में एसआई के गिरफ्तारी वारंट को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने वारंट रद्द करते समय टिप्पणी की है कि FIR के आधार पर कार्रवाई की गई थी, जो पहले ही कोर

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अब इस मामले में वापस उसी मामले में कार्रवाई करना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इतना ही नहीं कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट रद्द करते समय यह भी माना है कि दतिया के विशेष न्यायाधीश ने बिना न्यायिक विवेक के मशीनरी ढंग से आदेश को पारित किया है। यह आदेश अपने आप में गंभीर गैरकानूनी है और न्यायिक मर्यादा के विपरीत है।

मंगलवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दतिया के सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार पर नेतराम हत्याकांड में जारी गिरफ्तारी वारंट पर सुनवाई की है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार के अधिवक्ता डीपी सिंह ने दलील दी है कि साल 2013 में दर्ज एफआईआर को हाई कोर्ट पहले ही 22 अक्टूबर 2013 को निरस्त कर चुका है। इसके बावजूद ट्रायल काेर्ट ने उसी आधार पर वापस संज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। जब एफआईआर ही निरस्त की जा चुकी है तो मामला संज्ञान में नहीं लिया जा सकता है। कोर्ट ने शासन का पक्ष सुनने के बाद हत्या की एफआईआर निरस्त कर दी थी। पूरी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर पर जारी गिरफ्तारी वारंट को भी रद्द कर दिया है। ऐसे समझिए पूरा मामला याचिकाकर्ता सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में बतौर उप निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। वे तत्कालीन थाना प्रभारी जीगना, जिला दतिया में पदस्थ थे। 30 मार्च 2013 को नेतराम उर्फ नेत्राम की मृत्यु हो गई, जिसके संबंध में मृतक की परिजन फूला बाई ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इस पर मजिस्ट्रियल जांच हुई और उसके आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था। उस समय इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था और चर्चित हुआ था।

पर बाद में जांच व गवाह व सबूत के आधार पर यह हत्या का मामला आत्महत्या के लिए विवश करने में तबदील हो गया था। इस केस में जितने भी आरोपी बनाए गए थे उन सभी पर एफआईआर हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी थी, लेकिन सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार के खिलाफ चालान पेश किया गया। कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद मनोज कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जज ने विशेष न्यायाधीश पर टिप्पणी करते हुए वारंट रद्द कर दिया है।



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