India-UK FTA: भारत और ब्रिटेन के बीच सालों की बातचीत के बाद आखिर फ्री ट्रेड डील पर बात पक्की हो गई. इससे न केवल कई चीजें सस्ती हो जाएंगी, बल्कि दोनों देशों में रोजगार और निवेश के भी रास्ते खुलेंगे. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने फ्री ट्रेड डील (FTA) पर हस्ताक्षर किए.
A new chapter begins today in the India–UK economic partnership! The signing of the Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA) reflects our shared commitment to enhancing trade, driving inclusive growth and creating opportunities for farmers, women, youth, MSMEs, and… pic.twitter.com/FUOo4dkHLU
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2025
दोनों देशों के बीच खूब होगा कारोबार
दोनों देशों के बीच लगभग 56 अरब डॉलर का कारोबार है, जिसे साल 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य है. इस डील के तहत भारत ने 2030 तक 250 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट का भी लक्ष्य रखा है. भारत और ब्रिटेन के इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत 99 परसेंट भारतीय एक्सपोर्ट पर से टैरिफ हटेगा. इनमें कपड़ों से लेकर समुद्री उत्पाद, लेदर, जूते, खिलौने, ऑटो कंपोनेंट, ऑर्गेनिक केमिकल जैसे कई सारी इंडस्ट्रीज के सामान कवर किए जाते हैं.
उदाहरण के तौर पर मौजूदा समय में भारत से ब्रिटेन जाने वाले कपड़ों पर 12 परसेंट, केमिकल पर 8 परसेंट और बेस मेटल पर 10 परसेंट ड्यूटी फी लगाई जाती है. इस डील के बाद अब इन सामानों के एक्सपोर्ट पर से टैरिफ हटा दिए जाएंगे. इसके अलावा, तमाम मेडिकल डिवाइस भी ब्रिटेन में जीरो टैरिफ पर एक्सपोर्ट किए जाएंगे. भारतीय पेशेवरों को तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी पेमेंट से छूट दी जाएगी.
Addressing the press meet with UK PM @Keir_Starmer. https://t.co/mHEk8Fz1Q7
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2025
भारत से अंगूर, कटहल जाएंगे लंदन
भारत ने इस डील में डेयरी, सेब, खाना पकाने के तेल, ओट्स जैसे संवेदनशील कृषि उत्पादों को पूरी तरह से बाहर रखा है, जिस पर अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बात अटकी हुई है क्योंकि अमेरिका इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है, जबकि अपने देश के किसानों के हितों की रक्षा करते हुए भारत ऐसा नहीं करने देना चाहता.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ”ड्यूटी-फ्री एक्सेस से अगले तीन सालों में भारत के कृषि निर्यात में 20 परसेंट से ज्यादा का उछाल आ सकता है, जिससे 2030 तक 100 अरब डॉलर के कृषि निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.” साथ ही, कटहल, बाजरा, अंगूर, प्याज, मसाले, चाय-कॉफी, प्रोसेस्ड फूड, जैविक औषधीय जड़ी-बूटी, झींगा, टूना, अचार जैसे उत्पादों के निर्यात को भी बल मिलेगा.
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