कैमूर में एक शिक्षक पिछले 11 सालों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चों को पढ़ा रहा था। मंगलवार को निगरानी विभाग की जांच में मामला सत्य पाए जाने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार शिक्षक की पहचान अविनाश कुमार के रूप में हुई है। वह मोहनि
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सिक्किम यूनिवर्सिटी का फर्जी सर्टिफिकेट
मोहनिया के एसडीपीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि अविनाश ने नौकरी के लिए जो शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिया था, वह सिक्किम विश्वविद्यालय गंगटोक का था। जांच में वह प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी निकला। निगरानी विभाग ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई थी।
जांच के बाद जब यह पाया गया कि अविनाश 2014 से फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहा है, तो मोहनिया थाना में मामला दर्ज कराया गया। इसके बाद आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सरकारी स्कूल में 2014 से पढ़ा रहा
अविनाश कुमार पिछले 11 वर्षों से सरकारी नौकरी कर रहा था और सैकड़ों बच्चों को पढ़ा चुका है। अब यह मामला सामने आने के बाद पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया, “निगरानी विभाग द्वारा दिए गए आवेदन पर जांच कर मामला सत्य पाया गया। अविनाश कुमार की गिरफ्तारी कर ली गई है और आगे की कानूनी प्रक्रिया चल रही है।”