सीएम योगी का एक्शन मोड: शेल कंपनियों पर चलेगा बुलडोजर, टैक्स चोरी को बताया ‘राष्ट्रीय अपराध’

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सीएम योगी का एक्शन मोड: शेल कंपनियों पर चलेगा बुलडोजर, टैक्स चोरी को बताया ‘राष्ट्रीय अपराध’


“राजस्व सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, ये प्रदेश के विकास की बुनियाद है.” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये बात शनिवार को लखनऊ में राज्य कर विभाग (State Tax Department) की हाई-लेवल समीक्षा बैठक के दौरान कही. इसके साथ ही उन्होंने टैक्स चोरी करने वालों और फर्जी कंपनियों (Shell Companies) पर सख्त एक्शन का आदेश दे दिया.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि जो भी व्यापारी सुविधाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं, वो किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे. उन्होंने अधिकारियों से कहा, “ऐसे शेल कंपनियों और फर्जी फर्मों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.”

क्या बोले सीएम योगी?

स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट की समीक्षा बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टैक्स चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है जो विकास योजनाओं और कल्याणकारी स्कीमों को नुकसान पहुंचाता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि नकली कंपनियां ईमानदार टैक्सपेयर के अधिकारों में बाधा डालती हैं. इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं नई रजिस्टर हुई कंपनियों को लेकर सीएम योगी ने कहा कि इनका फिजिकल वेरिफिकेशन जरूरी है.

कितना हुआ टैक्स कलेक्शन?

अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल और मई महीने में जीएसटी और वैट से कुल 18,161.59 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. यह 2025–26 के 1,75,725 करोड़ रुपये के लक्ष्य की दिशा में एक अच्छा कदम माना जा रहा है. सीएम ने इस प्रगति की सराहना की लेकिन लक्ष्य को पूरा करने के लिए और तेज़ी से काम करने का निर्देश दिया.

कौन से ज़ोन रहे टॉप पर और कौन से पीछे?

सीएम योगी ने लखनऊ के दोनों ज़ोन, अयोध्या, बरेली, आगरा, गाज़ियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर को बधाई दी, जिन्होंने 60 फीसदी या उससे ज्यादा कलेक्शन किया. लेकिन वाराणसी-1, प्रयागराज, कानपुर-2, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन की धीमी वसूली पर नाराज़गी भी जताई. इन ज़ोन का प्रदर्शन 50 फीसदी से भी कम रहा.

अब आगे क्या होगा?

सीएम योगी ने इस बैठक में आदेश दिया कि जिन क्षेत्रों में कलेक्शन कम है, वहां स्पेशल रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी जाए. इसके अलावा, फील्ड लेवल पर एक्सपर्ट्स की मदद से विस्तार से विश्लेषण किया जाए. अतिरिक्त आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और डिप्टी कमिश्नर खुद व्यापारियों से मिलें, संवाद बढ़ाएं और टैक्स पालन का माहौल बनाएं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टैक्स वसूली में पारदर्शिता होनी चाहिए. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो और ईमानदार करदाताओं को संरक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा कि विकास तभी संभव है जब हर व्यापारी और अधिकारी मिलकर ज़िम्मेदारी निभाएं.

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