सीतामढ़ी के सुरसंड प्रखंड स्थित करुणा गांव के रहने वाले धीरज सिंह ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बनकर अपने गांव और जिले का नाम रोशन किया है। धीरज ने बताया कि उनकी शुरुआती पढ़ाई सरयू हाई स्कूल, सुरसंड से हुई। उन्होंने 2008 में 10
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पढ़ाई के तुरंत बाद उन्होंने नौकरी शुरू कर दी ताकि परिवार को आर्थिक मदद मिल सके। करीब पांच वर्षों तक नौकरी करने के बाद उन्होंने 2018 में सीए बनने का सपना देखा और इसके लिए दिल्ली के लक्ष्मीनगर में रहकर तैयारी शुरू की।इस सफर में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
धीरज सिंह ।
नौकरी के साथ साथ की पढ़ाई
कोचिंग की फीस, रहन-सहन का खर्च और पढ़ाई का दबाव इन सबके बीच उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने दिल्ली के लक्ष्मीनगर में 15 हजार की नौकरी के साथ-साथ नौकरी की बचत से अपनी पढ़ाई चलाई और दोस्तों और परिवार के सहयोग से खुद को लगातार संभाला। कई बार असफल हुए, डिमोटिवेट भी हुए, लेकिन हर बार नए जोश के साथ खड़े हुए।
लगातार सात वर्षों तक संघर्ष करने के बाद 2025 में धीरज ने सीए फाइनल परीक्षा पास कर ली। यह सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उन तमाम युवाओं की उम्मीद है जो सीमित संसाधनों के कारण अपने सपनों को अधूरा छोड़ देते हैं। आज धीरज की कहानी प्रेरणा बन चुकी है और उनका छोटा भाई भी उन्हीं की राह पर चल पड़ा है।