सूरत12 मिनट पहले
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सूरत पुलिस ने गैंग के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सूरत रेंज की साइबर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन धोखाधड़ी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें चीनी गैंग के साथ मिलकर लोगों को फर्जी “डीएलएफ कंपनी” के प्रोजेक्ट में निवेश कराने के नाम पर लाखों की ठगी की जा रही थी। इस नेटवर्क से जुड़े आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो चाय बेचने वाले युवक और एक मोबाइल दुकान चलाने वाला दुकानदार भी शामिल हैं। इन तीनों की गिरफ्तारी अहमदाबाद से की गई है।
यह गिरोह सोशल मीडिया पर डीएलएफ कंपनी के नाम से नकली प्रोफाइल और लिंक बनाकर लोगों को लुभाता था। उन्हें डीएलएफ के बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स खरीदने जैसे “टास्क” दिए जाते थे और प्रतिदिन 1500 से 3000 रुपए तक कमाने का लालच दिया जाता था।
इस झांसे में आए एक ओलपाड निवासी ने 14.84 लाख रुपए की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है। साइबर पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 14 मोबाइल, 47 क्रेडिट कार्ड और 6 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं।

सूरत पुलिस की हिरासत में आरोपी।
सलमान हबीबखान था इस रैकेट का मुख्य सूत्रधार सलमान हबीबखान इस रैकेट का मुख्य सूत्रधार था, जो चीनी गैंग से जुड़कर USDT बेचता था और एजेंट्स के जरिए फर्जी बैंक खातों में पैसे मंगवाता था। वो इन पैसों को क्रेडिट कार्ड बिल, मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल जैसे ऑनलाइन यूटिलिटी वॉलेट्स के जरिए अपने वॉलेट में ट्रांसफर कर लेता था।
आतिफ इश्तियाक अजमेरी (29) नाम का मजदूरी करने वाला व्यक्ति भी इस नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। इस गिरोह की कार्यप्रणाली काफी सुनियोजित थी। ये व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे माध्यमों से लोगों को संपर्क करते थे और आसान टास्क पर पैसा कमाने का लालच देते थे।

आरोपियों के पास से कुल 47 क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
दो चायवालों व मोबाइल दुकानदार भी ठगी में शामिल थे गिरफ्तार आरोपियों में सफवान अब्दुलरऊफ शेख (29) और अल्तमास मकबूल शेख (31) नाम के दो युवक चाय का ठेला लगाते हैं। पुलिस ने उनसे कुल 47 क्रेडिट कार्ड बरामद किए हैं। एक क्रेडिट कार्ड पर अच्छे स्कोर और समय पर भुगतान की वजह से उन्हें अलग-अलग बैंकों से आसानी से नए कार्ड मिलते रहे।
इन्हीं कार्ड्स की मदद से मोबाइल दुकान चलाने वाला सलमान हबीबखान पठान (29) ऑनलाइन फ्रॉड से कमाए गए पैसे से महंगे आई फोन जैसी वस्तुएं खरीदता था। इसी पैसे से USDT (क्रिप्टोकरेंसी) भी खरीदी जाती थी और कार्ड के बिल चुकाए जाते थे।

डीएलएफ कंपनी के नाम से नकली प्रोफाइल और लिंक बनाकर लोगों को प्रतिदिन डेढ़ से 3 हजार रुपए तक कमाने का लालच देते थे।
फर्जी बैंक खातों के उपयोग और एजेंट की गिरफ्तारी पुलिस ने दो ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अपने बैंक खाते इस गिरोह को किराए पर दिए थे। इनमें अशोकभाई अर्जनभाई परमार (अहमदाबाद), जिनके आरबीएल बैंक खाते में एक ही दिन में 93 लाख रुपए का संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ।
दूसरा दिलीपचंद सुमेरलाल राव (इंदौर), जिनके एक्सिस बैंक खाते में 12 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ। इसके अलावा बैंक खाता खुलवाकर सिम कार्ड और किट मुहैया कराने वाले एजेंट अल्ताफ हुसैन अंसार अहमद शेख और कुरैशी मोहम्मद फैजल मोहम्मद हसन को भी अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है।
12 राज्यों तक फैला रैकेट, 28 से अधिक शिकायतें दर्ज जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क ने देश के 12 राज्यों में लोगों से ठगी की है। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इन फर्जी बैंक खातों के आधार पर जांच की गई तो आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 28 से अधिक शिकायतें दर्ज पाई गईं।