Saturday, July 19, 2025
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‘सेना को 2 दिन और मिलते तो POK पर होता भारत का कब्जा’… ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर ये क्या बोल गए प्रशांत किशोर?


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Prashant Kishor Statement on Operation Sindoor: क्या ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और प्रशांत किशोर के बयान ने बिहार चुनाव 2025 में राष्ट्रवाद को अहम मुद्दा बना दिया है? पीके की जन सुराज पार्टी आने वाले दिनों में भाजप…और पढ़ें

प्रशांत किशोर ने ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कहा? (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • ऑपरेशन सिंदूर ने राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया.
  • प्रशांत किशोर ने सेना की कार्रवाई का समर्थन किया.
  • बिहार चुनाव में राष्ट्रवाद अहम मुद्दा बन सकता है.

Operation Sindoor Ceasefire News: क्या ऑपरेशन सिंदूर का बिहार चुनाव 2025 पर भी असर पड़ने की संभावना है? जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर क्या इस मुद्दे को बिहार चुनाव में भुनाने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है? 7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक और साहसिक एयर स्ट्राइक की. यह ऑपरेशन पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी. भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को तबाह कर दिया. इस कार्रवाई ने देशभर में राष्ट्रवाद की लहर पैदा की, जिसका असर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर भी पड़ने की संभावना है.

प्रशांत किशोर ने ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन करते हुए यह भी कहा कि सेना की कार्रवाई पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. पूर्णिया और कटिहार के दौरे के दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में इस ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ जरूरी कदम बताया और कहा कि सरकार को अब ऐसी कार्रवाइयां करनी चाहिए ताकि आतंकवाद दोबारा न पनपे. हालांकि, उनका यह बयान कि ‘सेना को दो दिन और मिलने चाहिए थे’ ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है.

PK ने ऑपरेशन सिंदूर पर क्यों दिया बयान?
पीके ने कहा, ‘ मैं ट्रंप पर क्यों विश्वास करूं? मैं अपने देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान पढ़ा, जो एक शिक्षित और समझदार व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि सीजफायर पाकिस्तान की पहल पर किया गया था. मैं सोच रहा हूं कि अगर पाकिस्तान सीजफायर चाहता था तो इसका मतलब है कि सेना सही काम कर रही है. हम पाकिस्तान को हरा रहे थे और अगर पाकिस्तान सीजफायर चाहता था तो हम क्यों राजी हुए?’

क्या बिहार चुनाव में ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा गर्माएगा?
यह बयान एक ओर राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने वाला है, तो दूसरी ओर यह सवाल उठाता है कि क्या प्रशांत किशोर इस मुद्दे को बिहार चुनाव में भुनाने की रणनीति बना रहे हैं? ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को एक मजबूत मुद्दा दे दिया है. पहलगाम हमले के बाद बिहार में लोगों में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा था, खासकर इसलिए क्योंकि हमलावरों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया था. इस घटना ने बिहार की जनता में राष्ट्रवादी भावनाओं को और मजबूत किया.

क्या कहते हैं जानकार?
वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय का मानना है कि अगर चुनाव में यह माहौल बना रहा, तो राष्ट्रवाद का मुद्दा जाति और धर्म की राजनीति पर भारी पड़ सकता है, जिससे भाजपा और उसके सहयोगी दलों को फायदा होगा. लेकिन प्रशांत किशोर का बयान इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है. उनकी जन सुराज पार्टी बिहार में एक नई ताकत के रूप में उभर रही है और वह नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के गठबंधन को चुनौती देने की कोशिश में हैं. उनका यह बयान राष्ट्रवादी लहर का फायदा उठाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

कुल मिलाकर, ऑपरेशन सिंदूर और प्रशांत किशोर का बयान बिहार चुनाव में एक अहम मुद्दा बन सकता है. पीके की रणनीति अगर राष्ट्रवाद को केंद्र में रखकर जनता से जुड़ने की है, तो यह उनकी पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है. लेकिन, बिहार की राजनीति में जाति और स्थानीय मुद्दे अभी भी अहम हैं, और यह देखना बाकी है कि क्या राष्ट्रवाद इन पर भारी पड़ पाएगा. फिलहाल, प्रशांत किशोर का यह बयान चर्चा में है और बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर रहा है.

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बिहार चुनाव से पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर ये क्या बोल गए प्रशांत किशोर?



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