Monday, July 7, 2025
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सोन‍िया-राहुल गांधी पर सुनवाई में कहां फंस गया ईडी का वकील? कोर्ट ने पूछा सवाल, जवाब देते नहीं बना


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नेशनल हेराल्‍ड केस में करप्‍शन के आरोपों से घिरे सोन‍िया गांधी और राहुल गांधी पर ईडी ने कई आरोप लगाए हैं. लेकिन बुधवार को कोर्ट ने ईडी से सख्‍त सवाल पूछे, जिसका जवाब देना मुश्क‍िल हो गया.

ईडी ने नेशनल हेराल्‍ड केस में सोन‍िया गांधी और राहुल गांधी का नाम लिया.

हाइलाइट्स

  • नेशनल हेराल्‍ड केस में ईडी ने सोन‍िया गांधी राहुल के ख‍िलाफ कई आरोप लगाए.
  • कोर्ट ने पूछा- सबसे पहले ये बता दीजिए क‍ि नेशनल हेराल्‍ड शुरू कब हुआ था.
  • यह ऐसा सवाल था क‍ि ईडी के वकील को जवाब देना भारी पड़ गया.
नेशनल हेराल्‍ड केस में सुनवाई के दौरान ईडी ने सोन‍िया गांधी, राहुल गांधी के ऊपर एक के बाद एक आरोप लगाए. कहा, इस केस में तो 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति उपलब्ध थी, फिर सिर्फ 50 लाख रुपये में 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति क्यों दी गई? गोलमोल क‍िया गया, ताकि संपत्‍त‍ि पर कब्‍जा क‍िया जा सके. इसी बीच कोर्ट ने ईडी के वकील से ऐसा सवाल पूछ द‍िया क‍ि जवाब देते नहीं बना.

दरअसल, ईडी की ओर से पेश ASG एसवी राजू कोर्ट को आरोपियों के ख‍िलाफ दायर चार्जशीट के बारे में बता रहे थे. उन्‍होंने सवाल उठाया, यंग इंडियन, जिसके ज्‍यादातर शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास हैं, ऐसा कर्ज क्यों लेगी जिसकी कागजों पर कोई वैल्यू नहीं है? क्या वे इतने नासमझ हैं कि ऐसा कर्ज अपने ऊपर ले लेंगे? इस पर कोर्ट ने कहा, यह अखबार (National Herald) आजादी से पहले शुरू हुआ था और गांधी परिवार से जुड़ा कोई व्यक्ति इसका संस्थापक था. आप कह रहे हैं कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और अखबार गांधी परिवार के आने से पहले से मौजूद थे. इस पर स्‍पष्‍ट कीजिए.

यह ऐसा सवाल था ईडी के वकील अटक गए. उन्‍होंने तर्क द‍िया, मनी लॉन्ड्रिंग एक कांट‍िन‍िऊ अफेंस है. मेरे अनुसार यह जरूरी नहीं कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को पहले कौन कंट्रोल कर रहा था. इस पर कोर्ट ने फ‍िर सवाल दागा. पूछा, यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आपने कहा कि गांधी परिवार ने एजेएल की हिस्सेदारी अपने कब्जे में लेने के लिए ही इसमें प्रवेश किया. तो क्या वे पहले एजेएल का हिस्सा थे या नहीं, यह अब प्रासंगिक हो जाता है.

बैंक भी तो ऐसा करते हैं?

ASG राजू ने कहा, उधारकर्ता (Borrower) ने कहा कि मेरे पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं हैं, फिर भी उधारदाता (Lender) पैसे भेजता रहा. इस पर फ‍िर कोर्ट ने सवाल पूछा, अगर कांग्रेस ने यह लोन माफ कर दिया होता तो क्या होता? बैंक भी तो ऐसा करते हैं. कांग्रेस ने लोन माफ कर दिया लेकिन उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया? यह कैसे बाकी कंपनियों से अलग है? ऐसा क्या खास था कि ईडी ने इसे जांचने लायक समझा? पीएसयू (सरकारी कंपनियां) भी तो करोड़ों रुपये राइट-ऑफ करती हैं.

2000 करोड़ की संपत्‍त‍ि क्‍यों दी गई?

ईडी के वकील ने जवाब द‍िया. क्‍योंक‍ि बैंकों के पास खुद संपत्ति नहीं होती, इसलिए उन्हें कर्ज देना ही होता है. ऐसी स्थिति में बैंक उधारकर्ता से समझौता करते हैं. लेकिन इस केस में तो 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति उपलब्ध थी।फिर सिर्फ 50 लाख रुपये में 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति क्यों दी गई? कोर्ट ने फ‍िर पूछा, क्‍या यह मामला एनपीए (Non Performing Asset) जैसा था? ED के तरफ से पेश वकील राजू ने कहा, नहीं, इस केस में तो संपत्ति की पूरी वैल्यू थी. इस दौरान ईडी ने संकेत द‍िए क‍ि कांग्रेस पार्टी भी जांच के दायरे में आ सकती है. हालांक‍ि, अभी कांग्रेस को आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन भविष्य में ऐसा किया जा सकता है.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group… और पढ़ें

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