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Bollywood Superhit Movie : बॉलीवुड में कुछ डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ऐसे हुए हैं जो गीत-संगीत गहरी रुचि रखते थे. स्क्रीनप्ले खुद ही लिखते थे. कुछ गाने भी लिखते थे. बॉलीवुड के एक डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ने तो 80 के दशक में अपनी जिंदगी को ही पर्दे पर उतार दिया. खुद से गाना लिखा. सबसे दिलचस्प बात यह थी कि फिल्म में हीरो ने सोलह श्रृंगार किए. फिल्म ने रिलीज होते ही सिनेमाघरों में तहलका मचा दिया. यह गीत हीरो के पिता ने लिखा था लेकिन पत्नी ने जब पति की एक्टिंग देखी तो वह नाराज हो गई. उसने अपने सुपरस्टार पति को जबर्दस्त डांट लगाई. आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा…..
बॉलीवुड में कई डायरेक्टर-प्रोड्यूसर मसाला फिल्म बनाने के लिए जाने जाते रहे हैं. मनमोहन देसाई इस मामले में सबसे आगे थे. उन्होंने अपने करियर में अमिताभ बच्चन के साथ एक से बढ़कर एक फिल्में बनाईं. प्रकाश मेहरा भी ऐसे ही डायरेक्टर-प्रोड्यूसर थे जो हिट फॉर्मूले पर फिल्में बनाते थे. 1981 में उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाई जिसमें हीरो ने सोलह श्रृंगार किए. साड़ी पहनी, औरतों के सरीखे ठुमके लगाए. फिल्म का एक गाना तो प्रकाश मेहरा ने ही लिखा था. यह फिल्म थी : लावारिस. लावारिस फिल्म प्रकाश मेहरा की निजी जिंदगी से इंस्पायर्ड थी. वो अक्सर खुद को लावारिस कहा करते थे. वो अपनी हर फिल्म में एक कैरेक्टर लावारिस शख्स का रखते थे.

22 मई 1981 को रिलीज हुई ‘लावारिस’ में अमिताभ बच्चन, जीनत अमान, राखी गुलजार, अमजद खान लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म की कहानी शशि भूषण, कादर खान और प्रकाश मेहरा ने लिखी थी. डायलॉग कादर खान ने लिखे थे. म्यूजिक कल्याण जी – आनंद जी का था. स्क्रीनप्ले दीन दयाल शर्मा ने लिखा था.

‘लावारिस’ फिल्म के सभी गाने सुपरहिट रहे थे. फिल्म का एक गाना ‘मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है’ बहुत पॉप्युलर हुआ था. इस गाने के दो वर्जन फिल्म में देखने को मिले थे. मेल वर्जन में अमिताभ बच्चन की आवाज थी. उन्हीं पर यह गाना फिल्माया गया था. इस गाने को अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन ने लिखा था. इस गाने के लिए अमिताभ बच्चन ने संभवत: पहली बार साड़ी पहनी थी, सोलह श्रृंगार किए थे. फीमेल वर्जन को आवाज अल्का याज्ञनिक ने दी थी. उन्हें बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का नॉमिनेशन मिला था.

अमिताभ बच्चन ने केबीसी के सेट पर ‘मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है’ सॉन्ग से जुड़ा मजेदार किस्सा शेयर किया था. उन्होंने बताया था, ‘लावारिस फिल्म में एक गाना था. ‘मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है’. ना जानें क्यों लगा कि गाने में अलग-अलग बीवियों के बारे में है तो मैं भी उसी तरह की बीवी बन जाऊं. तो चाहे काली हो, मोटी हो, लंबी हो, नाटी हो, छोटी हो, वो सब रूप लेकर मैंने शूटिंग कर दी. उसका ट्रायल जब हुआ और जैसे ही यह गाना हुआ मेरी पत्नी जया को तकलीफ हो गई. वो गुस्से में वहां से बाहर चली गईं. फिर मुझसे बोलीं कि आप इस तरह का एक्ट कैसे कर सकते हैं? मुझे बहुत डांटा. मैंने कहा कि गाना तो बहुत अच्छा था. 10-15 साल बाद जब इंटरनेशनल शोज में हम जाते थे और यह गाना बजता था तो तरह-तरह की लड़कियों को बुलाया जाता था. जैसे ही आता था कि जिसकी बीवी छोटी तो मैं कह देता था कि छोटी बीवी मेरे पास है.’

लावारिस फिल्म को बनाए जाने की कहानी बेहद दिलचस्प है. ‘मुकंदर का सिकंदर’ के बाद प्रकाश मेहरा ‘जादूगर’ बनाना चाहते थे. किसी वजह से वो फिल्म नहीं बन पाई तो ‘लावारिस’ की स्क्रिप्ट फाइनल की. जादूगर बहुत साल बाद बनी. लावारिस फिल्म के शुरुआती सीन पहले परवीन बॉबी के साथ शूट हुए थे लेकिन उनकी मानसिक हालत ठीक ना होने की वजह से प्रकाश मेहरा ने जीनत अमान को फिल्म में ले लिया था.

लावारिस ऐसी पहली फिल्म थी जिसमें राखी ने अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया था. हालांकि फिल्म में दोनों के सीन एकसाथ नहीं थे. इसके बाद 1982 में रमेश सिप्पी की फिल्म’शक्ति’ में राखी ने अमिताभ की मां का रोल किया था. फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रकाश मेहरा और राखी के बीच अनबन हो गई थी.

प्रकाश मेहरा और मनमोहद देसाई के बीच 36 का आंकड़ा था. प्रकाश मेहरा अक्सर मनमोहन देसाई की फिल्मों का मजाक उड़ाते थे. वो फिल्मों में दिखाए गए ‘मिलने-बिछुड़ने’ के फॉर्मूले का भी मजाक उड़ाते थे. मजेदार बात यह है कि लावारिस फिल्म भी इसी फॉर्मूले पर बेस्ड थी. तब मनमोहन देसाई ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे बकवास फॉर्मूले का इस्तेमाल प्रकाश मेहरा ने क्यों किया?

लावारिस फिल्म का एक और गाना ‘अपनी तो जैसे-तैसे’ कट जाएगी’ बहुत मकबूल हुआ था. इस गाने को प्रकाश मेहरा ने ही लिखा था. फिल्म के बाकी गाने गीतकार अनजान ने लिखे थे. आउटडोर की शूटिंग के दौरान प्रकाश मेहरा की जब तबीयत खराब हुई तो राम सेठी और अमजद खान ने फिल्म की शूटिंग जारी रखी.

