भास्कर न्यूज | भरतपुर देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में जाएंगे। इसके साथ ही शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। यह सिलसिला 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसके बाद 1 नवंबर को देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु पुनः
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चातुर्मास के इन 118 दिनों में विवाह, जनेऊ, नवीन गृह प्रवेश, मूर्ति स्थापना और यज्ञोपवीत जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। हालांकि, पूजा, व्रत, कथा, सत्संग आदि होते रहेंगे। इन चार माह में श्रीहरि की उपासना का विशेष महत्व है। सात्विक भोजन और संयम का पालन करना चाहिए। पंडितों के मुताबिक, चातुर्मास के दौरान हवन, पूजन, कथा, प्रवचन होते रहेंगे। इन दिनों में संयम, नियम और शाकाहार का पालन करना शुभ होता है।
ज्योतिषी सुभाष व्यास के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 5 जुलाई को शाम 06 बजकर 58 मिनट पर होगी । समापन 6 जुलाई को शाम 09 बजकर 14 मिनट पर होगा। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि प रकरना चाहिए। एकादशी व्रत का पारण 7 जुलाई को किया जाएगा ।
भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। आरती कर मंत्रों का जप करें। इसके बाद भगवान विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते शामिल करें। सनातन शास्त्रों में देवशयनी एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया है। ऐसे में देवशयनी एकादशी के दिन जरुरतमंदों को पूजा करने के बाद कपड़े, धन और अन्न समेत आदि चीजों का दान करें। देवशयनी एकादशी पर शुभ योग, साध्य योग, त्रिपुष्कर योग और रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है।
1. वृषभ राशि… मानसिक स्थिरता के साथ आर्थिक स्थायित्व भी प्राप्त होगा। पुराने निवेश अब फल देने लगेंगे। फंसा हुआ पैसा प्राप्त होने की उम्मीद।
2. कर्क राशि… कर्क राशि वालों को आत्मबल के साथ-साथ आर्थिक सुधार और भौतिक सुख की प्राप्ति के संकेत हैं। नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन या इंक्रीमेंट का लाभ मिल सकता है।
3. कन्या राशि… आर्थिक, पारिवारिक और भौतिक स्तर पर सुखद परिवर्तन होंगे। कोई पुराना संपत्ति विवाद आपके पक्ष में निपट सकता है। जमीन, वाहन या प्लॉट खरीदने की योजना सफल हो सकती है।
. धनु राशि… गुरु की दृष्टि और एकादशी की ऊर्जा मिलकर धनु राशि के जातकों को आध्यात्मिक जागरण के साथ आर्थिक उन्नति का अवसर दे रही है। करियर में नई शुरुआत, पदोन्नति या स्थान परिवर्तन से वेतन में वृद्धि होगी।
5. मीन राशि… मीन राशि वालों के लिए विशेष रूप से कर्ज मुक्ति के साथ आर्थिक सुधार के योग हैं। पुरानी देनदारियां चुकाने का अवसर मिलेगा और मानसिक चिंता कम होगी।